महागठबंधन में इस समय बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही दरार पड़ती नजर आ रही है. महागठबंधन के सहयोगी हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा ने एलान कर दिया है कि बिहार और झारखंड विधानसभा का चुनाव पार्टी अपने दम पर अकेले ही लड़ेगी. पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने यह बड़ा फैसला किया है. महाराष्ट्र: राजभवन पहुंचे अधिवक्ता जनरल, कानूनी सलाह लेने के लिए राज्यपाल ने बुलाया इस मामले में जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है कि उनके बार-बार कहने के बाद भी महागठबंधन में काे-ऑर्डिनेशन कमेटी (Co-ordination Committee) का गठन नहीं हो पाया. इस वजह से गठबंधन के सहयोगियों में तालमेल का अभाव है. ऐसी स्थिति में अकेले चुनाव लडऩा ही बेहतर होगा. पाकिस्तान जाने के लिए बेक़रार सिद्धू, तीसरी बार पत्र लिखकर विदेश मंत्री से मांगी इजाजत अपने बयान में उन्‍होंने कहा कि बिहार के साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव में भी पार्टी स्वतंत्र रूप से किस्मत आजमाएगी. झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से कौन-कौन प्रत्याशी होंगे इसका फैसला 10 नवंबर को लिया जाएगा. झारखंड चुनाव की आगे की गतिविधियां संचालित करने के लिए उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव संतोष कुमार सुमन को अधिकृत किया है.मांझी ने बताया कि बिहार में एनआरसी (NRC) लागू होने की स्थिति में दलित-मुस्लिम एकताकायम करने के लिए पार्टी कार्य करेगी. मांझी ने सदस्यता अभियान जारी रखते हुए 30 दिसंबर तक हर हाल में बूथ स्तरीय कमेटी गठित करने की भी बात कही. ली जाए. ऐसा नहीं करने वाले नेता 30 दिसंबर के बाद अध्यक्ष नहीं रहेंगे. करतारपुर कॉरिडोर के पहले जत्थे में शामिल होंगे बीजेपी सांसद सनी देओल, कांग्रेस नेता सिद्धू को भी मिली अनुमति प्रधानमंत्री को ''डिवाइडर इन चीफ'' कहने वाले आतिश तासीर का OCI कार्ड निरस्त मैदान में उतरेंगे गडकरी, मध्यस्थों के द्वारा शुरू होगा वार्तालाप