28 जनवरी मतलब कि कल पौष माह की पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में इसकी काफी मानयता है। कल से गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम तट पर इसका कल्पवास एक माह के लिए आरम्भ हो जाएगा। लाखों की संख्या में भक्त आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेगे। वही मान्यता है कि कल्पवास करने वाले व्यक्तियों के लिए स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते है। कहा जाता है कि प्रयाग के संगम तट पर पूरे माह कल्पवास करने से इच्छाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि यदि कोई शख्स तीर्थ या पवित्र स्थलों पर स्नान नहीं कर पाता है तो वो अपने घर पर गंगाजल से स्नान कर सकता है। इस अवसर पर एक वक़्त का उपवास भी अवश्य रखना अच्छा माना जाता है। कहते है जो लोग तीर्थ स्नान कर रहे हैं उन्हें प्रभु श्री विष्णु की उपासना करनी चाहिए। जिस प्रकार पौष मास में तीर्थ स्नान की अहमियत मानी जाती है उसी प्रकार माघ में स्नान और दान की भी अहमियत है। दान में आप तिल, गुड़ एवं कंबल दे सकते हैं इससे खास पुण्य मिलता है। पूर्णिमा तिथि 28 जनवरी रात 1।30 से आरम्भ हो कर 29 जनवरी रात 12।45 तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि पौष पुणिमा पर शुभ योग, स्वार्थसिद्धि अमृत योग, प्रीति योग बन रहा है। सबसे बड़ा लाभ जो बोला जाता है वो ये कि कल्पवास करने वाले व्यक्तियों पर इसका प्रभाव काफी अच्छा देखने को मिलता है। दिल और दिमाग पर विशेष प्रभाव पड़ता है। व्यक्तियों को कल्पवास करने से मानसिक ऊर्जा प्राप्त होती है। राहु के इस ध्यान मंत्र से दूर होंगे सभी आकस्मिक संकट बड़ी खबर: इंदौर के इस चर्च में 150 लोगों का किया जा रहा था धर्म परिवर्तन, 7 को किया गया गिरफ्तार अगर पाना चाहते हैं भय, संकट और दुश्मनों से मुक्ति, तो करें इन देवता की पूजा