चंडीगढ़: 2019 लोकसभा चुनाव में पंजाब लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) की खडूर साहिब लोकसभा सीट से प्रत्याशी परमजीत कौर खालड़ा ने कहा है कि वो अपने पति की विरासत को आगे ले जाने और मानवाधिकारों के मुद्दे पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं. दरअसल, खालड़ा के पति तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा को 1995 में तरनतारन जिले के अंतर्गत आने वाले खालड़ा गांव में उनके घर से पुलिसकर्मियों ने अगवा कर लिया था. उनकी हत्या के आरोपी छह पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. उल्लेखनीय है कि परमजीत कौर खालड़ा पंजाबी एकता पार्टी की मेंबर हैं. पंजाबी एकता पार्टी पीडीए का ही एक हिस्सा है. यह गठबंधन लोकसभा चुनाव में वोटरों को भाजपा एवं कांग्रेस का विकल्प उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है. पीडीए खालड़ा को ‘पंथिक’ चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर रहा है. खालड़ा ने कहा कि, ‘‘चुनाव लड़ना ईश्वर की तरफ से मिला इशारा है. चुनाव लड़ना पहले से निर्धारित नहीं था.’’ उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं चुनाव में मानवाधिकार का मुद्दा उठाऊंगी और मानवाधिकारों के लिए ही लोकसभा का चुनाव लड़ूंगी. पंजाब में नशे की वजह से युवाओं की मौत हो रही है. क्या यह मानवाधिकार का मामला नहीं है?’’ उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं हो रही हैं. इसका विरोध करने वालों पर पुलिस गोली चलाती है, लेकिन इसके बाद भी सरकारें जनता को मूर्ख बना रही हैं और उन्होंने इन मसलों को सुलझाने का प्रयास नहीं किया.’’ उज्जैन पहुंचीं प्रियंका गांधी, बाबा महाकाल के मंदिर में की विशेष पूजा-अर्चना ममता का पोस्टर देख भड़के मुकुल रॉय, बोले- EC से करूँगा शिकायत कमल हासन के हिन्दू आतंकवादी वाले बयान पर भड़की भाजपा, इस नेता ने दिया करारा जवाब