नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा कि बैंक खाते में न्यूनतम राशि नहीं रहने पर बैंक जुर्माना लगा सकते हैं, लेकिन इस पर लगाई जाने वाली लेवी वाजिब होना चाहिए. सेवा देने की औसत लागत के हिसाब से ही जुर्माना होना चाहिए. वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने राज्यसभा में मंगलवार को यह जानकारी दी. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार न्यूनतम शेष की रकम में बदलाव की जानकारी खातेदार को एक महीने पहले देनी चाहिए. साथ ही यह भी बताना होगा कि खाते में तय रकम नहीं रखने पर कितना जुर्माना वसूला जाएगा. बता दें कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एस.बी.आई. समेत देश के कई बैंक न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना वसूलने जा रहे हैं. एस.बी.आई. एक अप्रैल से ऐसे ग्राहकों से जुर्माना वसूलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बारे में बैंकों को अनुमति दे दी है. आपको फिर बता दें कि महानगरों में एस.बी.आई. खाताधारकों को न्यूनतम 5,000 रुपए खाते में रखना अनिवार्य होगा. वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह 3,000 रुपए, अर्ध शहरी क्षेत्र में 2,000 रुपए रहेगी. यही नहीं भारतीय स्टेट बैंक ने महीने में 3 बार बचत खाताधारकों को बिना शुल्क के नकद धन जमा कराने की अनुमति दी है. इसके बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपए का शुल्क और सेवाकर ग्राहकों को देना होगा. चालू खातों के मामले में यह शुल्क अधिकतम 20 हजार रुपए भी हो सकता है. यह भी देखें 1 अप्रैल को हो जाएगा सहयोगी बैंकों का SBI में विलय SBI Job recruitment :स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में आई वैकेंसी