कोरोना वायरस की पहचान करेंगे कुत्ते ! पेनिसिल्विया यूनिवर्सिटी में चल रही ट्रेनिंग

नई दिल्ली: इस समय दुनिया भर में कोरोना का संकट है. दुनियाभर के मुल्क और उनके वैज्ञानिक इसका उपचार खोज रहे हैं. वैक्सीन बनाने पर अमेरिका ब्रिटेन, भारत में युद्धस्तर पर काम चल रहा है. तमाम इंतजामों और सख्त लॉक डाउन करने के बाद भी पूरी दुनिया में सवा दो लाख लोगों की जान जा चुकी है. अब वैज्ञानिकों ने कोरोना को रोकने के लिए एक नया तरीका सुझाया है.

दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि लैब्राडोर ब्रीड के कुत्ते वायरस को सूंघने में सक्षम होते हैं. न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि 8 लेब्राडोर कुत्तों को पेनिसिल्विया यूनिवर्सिटी के एक अनुसंधान परियोजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं ऐसी ही कोशिश लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसन में भी चल रही है. इस दौरान शोधकर्ताओं ने पहले ही दावा किया था कि कुत्ते सभी इंसानों में मलेरिया संक्रमण की पहचान कर सकते हैं. यदि ब्रिटेन और अमेरिका में किया जा यह प्रशिक्षण कामयाब रहता है तो कुत्तों को कैनाइन सर्विलांस वाहिनी के तौर पर उपयोग किया जा सकता है.

बता दें कि कुत्तों में सूंघने की क्षमता इंसानों से 10 गुना अधिक होती है. जो कि इनके जेकबसन या वोमेरोनेजल अंग की वजह से होती है. यह इनके नासिका छिद्रों और मुंह के ऊपरी हिस्से पर स्थित होता है. वैज्ञानिकों को अभी तक पता नहीं चल सका है कि इनमें यह अंग क्यों होता है. लेकिन बिल्लियों और अन्य जानवरों पर किए गए शोध बताते हैं कि शायद यह क्षमता उनके पास इसलिए है ताकि वे अन्य कुत्तों द्वारा छोड़े गए संकतों की पहचान कर सकें. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हम इंसान 10 खरब विभिन्न गंधों की पहचान कर सकते हैं मगर कुत्ते इस मामले में इंसानों से कहीं आगे हैं.

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