खरगोन : सूखे और अन्य कारणों से किसानों के द्वारा आत्महत्या करने के मामले तो आपने सुने होंगे, लेकिन एमपी के खरगोन जिले में एक गाँव ऐसा भी है जो अब ख़ुदकुशी करने वाला गाँव बन गया है. यहाँ 3 माह में अब तक 80 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. टाइम्स आफ इण्डिया के अनुसार गंभीर वित्तीय संकट, लगातार अवसाद और घोर अंध विश्वास में घिरकर जिले के बादी गाँव के लोग एक- एक कर अपनी जान दे रहे हैं. बर्बादी का आलम यह है कि पिछले तीन महीनों में इस गाँव के 80 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं. पिछले साल में खरगोन जिले में 381 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं. बादी गांव के कुछ दिन पहले सरपंच बने राजेन्द्र सिसोदिया ने बताया कि दो महीने पहले गाँव के निर्वाचित प्रधान और उनके चचेरे भाई जीवन ने अपने घर में लगे पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली. उनकी माँ और भाई भी इसी तरह जान देकर अपना जीवन खत्म कर चुके हैं. खारगौन के एसपी अमित सिंह बताते हैं कि बादी गांव का हर घर आत्महत्या का दंश झेल चुका है. इस मामले में इंदौर निवासी मनोचिकित्सक डा. श्रीकांत रेड्डी ने बताया कि खुदकुशी की घटनाएं अवसाद और ग्रामीणों के एक अजीब पागलपन की वजह से बढ़ रही हैं. इसके पीछे एक कारण खेती में कीटनाशकों का प्रयोग भी हो सकता है. जबकि गांव के मुखिया राजेन्द्र इन मौतों के पीछे गांव में किसी राक्षसी की उपस्थिति को बताते हैं.