इंदौर: देशभर में केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का निर्णय लिए जाने और अब कालेधन के खिलाफ कार्रवाई करने के ही साथ अब सरकार कैशलेस इकोनाॅमी पर कार्य कर रही है। हालात ये हैं कि देश के बड़े शहरों में तो लोग नोटबंदी के बाद से ही कार्ड स्वैपिंग का उपयोग करने लगे थे मगर अब देश के छोटे शहरों और कस्बों में भी कार्ड का उपयोग किया जाने लगा है। जी हां, केवल कार्ड ही नहीं अब तो छोटे शहरों में इकोनाॅमी कैशलेस होने लगी है। हालात ये हैं कि यहां पर कई स्थानों पर कैशलेस ट्रांजिक्शन की सुविधाऐं बड़े पैमाने पर देखने को मिल रही हैं। इन सुविधाओं में निजी कंपनी पेटीएम के भी बारकोड संकेतक का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। दरअसल लोग 2 हजार रूपए के नोट अधिकांशतौर पर मिलने और फिर उसके बदले में सामने आने वाली खुल्ले की परेशानी का समाधान तलाश रहे हैं ऐसे में उन्हें कैशलेस ट्रांजिक्शन का बेहतर विकल्प मिल गया और उन्होंने उसे अपना लिया है हालांकि अभी भी कुछ इस व्यवस्था से दूर हैं। मगर कैशलेस ट्रांजिक्शन की व्यवस्था से सभी जुड़ रहे हैं। नोटबंदी को लेकर विपक्ष लामबंद, 16 राहुल का वार : नोटबंदी के आधार पर