उत्तरप्रदेश: गाजीपुर में बने कूड़े के पहाड़ से परेशान जनता की समस्या है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दो दशक से यहां के रहवासी डंपिंग यार्ड की वजह से एयर पलूशन की मार झेल रहे हैं. हालांकि 2015 कौशांबी रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन को कौशांबी एरिया की जनसमस्याओं को लेकर एनजीटी में एक याचिका दाखिल की गई थी. जिसमे गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ को टीएचए में बढ़ रहे एयर पलूशन के लिए जिम्मेदार ठहराया था. बताते चले इस गाजीपुर डंपिंग यार्ड की वजह से सबसे ज्यादा एयर पलूशन का शिकार कौशांबी, वैशाली, वसुंधरा, खोड़ा, और इंदिरापुरम इलाके के लोग होते हैं. इस मसले पर स्थानीय लोग कई बार पलूशन कंट्रोल बोर्ड और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के पास भी जा चुके हैं, लेकिन दिल्ली क्षेत्र में आने की वजह से इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. वही कूड़े की इस समस्या को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल करने वाले विनय मित्तल ने मीडिया को बताया कि, एनजीटी में इस मामले को लेकर 19 सितंबर को सुनवाई तय की है. इस दौरान कूड़े के पहाड़ की वजह से हुए हादसे को देखते हुए एनजीटी कोई बड़ा फैसला ले सकता है जानिए क्या चल रहा है हमारे देश की राजनीती में, पढिये राजनीतिक पार्टी से जुडी ताज़ा खबरें मोदी कैबिनेट में भी दाग RSS की बैठक में भाग लेने सीएम योगी आदित्यनाथ पहुॅंचेंगे मथुरा मैं नपुंसक हूं: बाबा राम रहीम