नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में कुत्तों को सार्वजनिक रूप से खाना खिलाने पर पाबंदी लगाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले पर पाबंदी लगा दी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, अब सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर पाबंदी नहीं होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं होगी। सुनवाई के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय की उन टिप्पणियों पर भी पाबंदी लगाई जिसमें कहा गया था कि आवारा कुत्तों को खिलाने वाले लोग उन्हें गोद लेकर घर ले जाएं और वैक्सीन भी लगवाएं। कोर्ट ने नागपुर नगर निगम को आम जनता के लिए निर्धारित उपयुक्त स्थानों पर आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया। सुनवाई के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हर एक जगह की अपनी परेशानी होती है। आवारा कुत्तों की समस्या हर जगह है। सुनवाई के चलते सर्वोच्च न्यायालय को एक अधिवक्ता ने बताया कि आवारा कुत्ते सर्वोच्च न्यायालय परिसर के आरके गर्ग ब्लॉक में भी आ जाते हैं। कई वकीलों मुवक्किलों एवं दूसरे लोगों को काट भी चुके हैं। हमें भी डर लगता है। बता दे कि कुत्तों की परेशानी से परेशान होकर नोएडा अथॉरिटी ने भी कड़े नियम बनाए हुए हैं। यहां समस्या की वजह आवारा कुत्ते नहीं बल्कि सोसाइटी में रहने वाले पालतू कुत्ते हैं। नोएडा ऑथॉरिटी ने इसे लेकर नियम बनाए हैं। इन नियमों के अनुसार, अब अगले वर्ष 1 मार्च से नोएडा में यदि कोई पालतू जानवर किसी पर हमला करता है तो मालिक को 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अतिरिक्त घायल व्यक्ति के उपचार की भी जिम्मेदारी लेनी होगी। साथ ही अथॉरिटी ने पालतू कुत्तों/बिल्लियों का पंजीकरण करवाना भी अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके साथ-साथ जानवरों का टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा तथा इसमें भी लापरवाही करने पर जुर्माने का प्रावधान है। 'राजीव की हत्या पर खूब रोई थी', जेल से बाहर आकर बोलीं नलिनी आज आपके शहर में क्या है पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए यहाँ? कांग्रेस को बड़ा झटका, राजस्थान प्रभारी पद छोड़ना चाहते हैं अजय माकन