श्रीनगर: पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (POK) के गिलगित-बाल्टिस्‍तान के हुंजा इलाके में हजारों की संख्या में स्‍थानीय लोगों ने वर्ष 2011 से जेल में कैद राजनीतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दंगे करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। अवामी वर्कर्स पार्टी के नेता बाबा जान सहित कई सियासी कार्यकर्ताओं को एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने उम्रकैद की सजा दी है। इन लोगों को पुलिस की फायरिंग में एक व्‍यक्ति और उसके बच्‍चे की मौत होने के बाद विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रदर्शनकारी सरकार से पुलिस गोलीबारी से हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे थे। दरअसल, हुंजा नदी में बाढ़ आ जाने के कारण स्‍थानीय लोगों को बहुत नुकसान हुआ था और वे मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने फायर कर दिया और एक व्‍यक्ति तथा उसके बच्‍चे की मौत हो गई। ये दोनों लोग गोजल घाटी के निवासी थे। इस हत्‍याकांड के बाद इलाके में लोग भड़क उठे थे और प्रदर्शन करने लगे थे। प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस ने बाबा जान और इलाके के कई अन्‍य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कोरोना को लेकर जैसिंडा अर्डर्न ने कही ये बात कोरोनोवायरस से उबरने के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति आए नागरिकों के सामने यूरोप के आयुक्त मारिया गेब्रियल को हुआ कोरोना