दुनिया में अगर सबसे बुरी कोई चीज है तो वो है अंधभक्ति या अन्धविश्वास. हालाँकि अन्धविश्वास के मामले में हम विश्व में सबसे आगे है लेकिन इस मामले में और कई भी है. आज हम एक ऐसी घटना का जिक्र करने जा रहे है जो काफी भयानक और डरावनी. रूह काँप जाती है यह सोचकर कि एक मात्र एक धर्मगुरु के कहने पर 909 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. सन 1978 में अमेरिका के जोन्सटाउन के पास दक्षिण अमेरिका के गुयाना के जंगलों में एक धमर्गुरु जोन्स रहता था. इस धर्मगुरु ने हजारों लोगों की एक कम्युनिटी बनाई थी, जिसे पीपल्स टेम्पल के नाम से जाना जाता था. जोन्स की कम्युनिटी में सिर्फ वही लोग रहते थे जो जोन्स को मानते थे. साथ ही जोन्स इन लोगों को सरकार का भय दिखाकर डराता था. फिर हुआ यह: फिर एक दिन जोन्स के कहने पर उनके भक्त एक जगह इकट्ठे हुए. यहाँ पर जोन्स ने अपने सभी समर्थकों को भाषण के जरिए भड़काने का काम किया. पहले जोन्स ने कहा कि "10 दिन की जिंदगी बहुत जालिम है इससे बेहतर है कि सभी मर जाओ." वहीं जोन्स ने एक बड़े टब में अंगूर के ड्रिंक में बेहद जहरीला सायनाइड और वेलियम मिलाकर लोगों को पिलाया और आत्महत्या कराइ. कुछ लोगों ने इसे पीने से मना कर दिया था वहीं कुछ लोगों को जबरदस्ती इंजेक्शन लगाकर मौत के घात उतारा गया. बता दें, 909 लोगों की आत्महत्या में करीब 304 बच्चे थे वहीं 605 वयस्क थे. वहीं इसके अलावा जोन्स ने इस घटना के दिन पांच लोगों का मर्डर भी किया था. एफबीआई को मिली रिकॉर्डिंग के हवाले से बताया गया कि जोन्स ने लोगों से कहा था कि वो खुद मर जाएं नहीं तो सरकार यहाँ पर आकर सबको तड़पा कर मारेगी. इस घटना को आज भी याद करके अमेरिका के लोगों की रूह काँप जाती है. अमेरिका इस घटना को आत्महत्या न मानकर हत्या मानता है. 12 साल के बाद यहाँ लड़कियां बन जाती हैं मर्द इस महिला ने की 300 साल पुराने भूत से शादी, बनाती है उसके साथ सम्बन्ध रेलवे ने काट दिया 1000 साल बाद का टिकिट, अब भरेगा जुर्माना