हरियाणा की 20 सीट पर फिर मतदान की मांग, सुप्रीम कोर्ट में पहुंची याचिका

नई दिल्ली: हरियाणा में नायब सैनी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है। हालांकि, हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव की 20 सीटों पर फिर से चुनाव कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई का भरोसा नहीं दिया। याचिका में बीजेपी के मुख्यमंत्री नायब सैनी के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे चाहते हैं कि अदालत हरियाणा में चुनी हुई सरकार के शपथ ग्रहण पर रोक लगाए। अदालत ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए नई सरकार के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने अपनी अर्जी में इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। याचिका में चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया गया है, विशेष रूप से 20 सीटों पर ईवीएम में गड़बड़ी का शक जताया गया है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इन सीटों पर ईवीएम की बैटरी 99% चार्ज थी, जबकि अन्य जगहों पर बैटरियों का चार्ज लेवल 60-70% के बीच था। इस असमानता को आधार बनाकर, याचिका में इन 20 विधानसभा सीटों पर पुनः चुनाव कराने और ईवीएम को स्टोरेज में सुरक्षित रखने के निर्देश देने की मांग की गई है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से दिल्ली में मुलाकात की थी। उन्होंने चुनाव के परिणामों पर सवाल उठाते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पवन खेड़ा और अजय माकन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे।

गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 90 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी जो 10 साल से सत्ता में रही बीजेपी के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर का फायदा उठाना चाहती थी, केवल 37 सीटों पर ही जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि, निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है, जिससे बीजेपी को सरकार बनाने में मदद मिली है।

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