लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच नकदी संकट से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए (EPFO) ने हाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इसी के तहत विभाग ने यह व्यवस्था दी है कि EPFO सब्सक्राइबर्स कोविड-19 की वजह से अपने पीएफ अकाउंट में जमा राशि से एक सीमा तक पैसे निकाल सकते हैं. इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ फंड में जमा राशि निकालने के लिए अप्लाई किया है. EPFO कोविड-19 को वजह बनाकर पीएफ एडवांस के लिए आवेदन कर रहे लोगों के क्लेम को ऑटो मोड में तेजी से निपटा रहा है. हालांकि, अगर आपने पीएफ निकासी के लिए आवेदन किया है और उसके निस्तारण में जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो आप यह जानने की कोशिश कर रहे होंगे कि इसकी क्या वजह हो सकती है. बिल्कुल मत चूकिए सोने को सस्ते में खरीदने का मौका, कल मिलेगा अवसर इसके अलावा UAN के साथ सीड किए गए बैंक अकाउंट और क्लेम में दिए गए अकाउंट के डेटा का मिलान नहीं होने पर आपको दिक्कत पेश आ सकती है. ऐसे में आपको उसी अकाउंट के चेक की स्कैन कॉपी क्लेम भरते समय अपलोड करनी चाहिए, जो पहले से UAN से जुड़ा हुआ है. साथ ही क्लेम भरने से पहले अपने अकाउंट नंबर को चेक कर लेना चाहिए. अकाउंट नंबर या IFSC Code में किसी तरह की गलती होने पर उसे अपडेट करने के बाद क्लेम दाखिल करना चाहिए. कई बार चेक की स्कैन कॉपी स्पष्ट नहीं होने पर भी क्लेम मिलने में देरी हो सकती है. सरकार ने किसानों के खातों में डाले 18 हज़ार करोड़, इस तरह चेक करें अपने अकाउंट का बैलेंस आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर आपके आधार या इपीएफ अकाउंट में दर्ज नाम, जन्म की तारीख, लिंग जैसी जानकारी मैच नहीं होती है तो आपको क्लेम मिलने में देरी हो सकती है. वही, EPFO आम तौर पर क्लेम को प्रोसेस करने के बाद चेक बैंक को भेज देता है. इसके बाद बैंक उसे अकाउंट होल्डर के अकाउंट में भेजते हैं. हालांकि, अभी सभी कार्यालयों में सीमित कर्मचारियों के साथ काम हो रहा है और क्लेम भी बड़े पैमाने पर आ रहे हैं तो प्रक्रिया से जुड़ी देरी हो सकती है. लॉकडाउन खुलने के बाद पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में लग सकती है आग हीरो साइकिल ने शुरू किया उत्पादन, जताई मांग बढ़ने की उम्मीद सप्ताह के पहले दिन हरे निशान में खुले बाजार, 350 अंक चढ़ा सेंसेक्स