भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने अयोध्या भूमि मामले के फैसले को लेकर एक क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है. PFI ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते हुए पिछले साल अयोध्या पर नौ नवंबर को दिए गए फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका पर खुली अदालत में बहस की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि शीर्ष अदालत अपने नौ नवंबर 2019 के फैसले पर रोक लगाए, जिसमें विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को दे दिया गया था. दिल की बीमारी को मात देने के लिए वैज्ञानिकों ने विशेष खोज को दिया इंजाम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीस पार्टी ने भी जनवरी माह में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. अयोध्या मामले में पहली सभी पुनर्विचार याचिकाओं के खारिज होने के पीस पार्टी द्वारा यह याचिका डाली गई थी. उस दौरान भी पीस पार्टी के डॉक्टर अय्यूब ने 9 नवंबर के फैसले पर दोबारा विचार किए जाने की मांग की थी. उनका कहना था कि पहले आया हुआ फैसला आस्था के आधार पर लिया गया था. Womens T20 World Cup Final: भारत के खिलाफ खेलने से 'नफरत' करती है ये ऑस्ट्रेलियाई पेसर गत वर्ष 9 नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाया था. पीठ ने कहा था कि इस बात पर फैसला आस्था के आधार पर नहीं होगा. कहा था कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता, फैसला कानून के आधार पर होगा.सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को दे दिया था. वहीं, मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही वैकल्पिक स्थल देने के लिए कहा था. सुन्नी वफ्फ बोर्ड को कोर्ट ने अयोध्या में ही अलग जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. पाक जा रहे चीनी जहाज़ से बरामद हुई आपत्तिजनक सामग्री, भारत ने जताई नाराज़गी Weather Forecast: इन राज्यों में बारिश का दौर जारी, मौसम विभाग ने बोली ये बात आईआईटी मद्रास ने तैयार किया ऐसा ड्रोन, जो घुसपैठिए ड्रोन को आसमान में ही कर देगा नष्ट