नई दिल्ली: जांच एजेंसियों ने एक बार फिर कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के खिलाफ कार्रवाई की है। देशभर में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी चल रही है। NIA यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश की 17 लोकेशन पर रेड मार रही है। जांच एजेंसियों को विशेष इनपुट मिला था कि सरकार द्वारा बैन किए जाने के बाद भी PFI संगठन गैरकानूनी काम कर रहा है। इसके बाद एक साथ NIA की कई टीमें 17 जगहों पर छापेमारी कर रही है। बता दें कि, बिहार की फुलवारी शरीफ में इस संगठन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद अब इसको लेकर दरभंगा के उर्दू बाजार में छापेमारी हुई है। दरभंगा में भी NIA की कार्रवाई चल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां पर NIA दो लोकेशन पर छापेमारी कर रही है। दरभंगा शहर के उर्दू बाजार में डॉक्टर शारिक रजा के घर पर तलाशी चल रही है। दरभंगा में ही सिंहवाड़ा थाना एरिया के शंकरपुर में महबूब के घर पर भी रेड चल रही है। बता दें कि, ये पहली दफा नहीं है कि जब NIA ने ऐसी कार्रवाई की हो। इसी साल जनवरी में NIA ने फुलवारी शरीफ के टेरर मॉड्यूल के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फाइल की थी। इस चार्जशीट में पुलिस ने जो खुलासे किए थे, वो भारत और भारतवासियों के लिए बेहद खौफनाक थे। यदि वक़्त रहते PFI के टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश नहीं होता, तो अंजाम बेहद घातक हो सकते थे। NIA ने अपनी चार्जशीट में PFI के 4 सदस्यों को आरोपी बनाया था। इन पर गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी काम करने का गंभीर इल्जाम था। बीते साल सितंबर 2022 में पूरे भारत में PFI पर कार्रवाई की गई। 22 और 27 सितंबर को बड़े स्तर में छापेमारी हुई और फिर सैकड़ों लोगों को अरेस्ट भी किया गया था। 28 सितंबर को गृह मंत्रालय ने PFI को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। क्या है PFI का मकसद:- 1-सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाना और देश विरोधी प्रचार करना 2-मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल, कॉलेज, मदरसों को जहर फ़ैलाने के लिए इस्तेमाल करना 3-मुस्लिम युवाओं को हिंसा करने, पत्थरबाज़ी करने आदि की ट्रेनिंग देना 4-कट्टरपंथी विचारों के प्रसार के लिए भर्तियां करना 5-अलग-अलग विंग के जरिए सरकारी एजेंसियों को चकमा देना 6- SC/ST और OBC को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काना 7-50% मुस्लिम साथ आते ही बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करना ये सारी बातें जांच एजेंसियों को छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज़ों से मिली है। PFI ने 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए मिशन 2047 के नाम से डॉक्यूमेंट बना रखा था, जिसमे सारी साजिशें दर्ज थी। इसमें यहाँ तक कहा गया था कि, यदि 10 % मुसलमान भी साथ आ जाएं, तो कायर हिन्दुओं को घुटनों पर ले आएँगे। इतना ही नहीं PFI स्लीपर सेल पर पूरे देश में जांच एजेंसियों की तरफ से डाले गए कई छापों से यह पता चलता है कि कट्टरपंथी संगठन ने सरकारी एजेंसियों से बचने और अपने एजेंडे को फैलाने के लिए कई विंग लॉन्च कर रखे हैं। PFI ने सरकारी एजेंसियों के चंगुल से बचने के लिए कई छोटे-छोटे संगठन बना रखे थे। इन छोटे संगठनों के जरिए वह मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में बड़ी तादाद में भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। कई जगह मदरसों में मुस्लिम बच्चों को हिंसा का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन लोगों पथराव करने और कराटे की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। यह भी खुलासा हुआ है कि PFI अपनी बैठक में कट्टरपंथ और हिंसा फैलाने का प्रशिक्षण देता है। पत्थर फेंकने से लेकर घर की छत पर पत्थर जमा करने तक PFI की बैठकों में सिखाया जाता है। इसके साथ ही PFI, लोगों को भीड़ में जुटना, फिर लोगों को भड़काकर दंगा फैलाने का भी प्रशिक्षण देता है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि दक्षिण भारत में 200 से ज्यादा आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। PFI का मकसद गरीब, भिखारी और प्रताड़ित मुस्लिम युवाओं को टारगेट करना है। इन लोगों को दिमाग में हिंदू विरोधी जहर भरकर उनका ब्रेनवॉश करना भी शामिल है। साथ ही, PFI 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के प्लान पर भी काम कर रहा है, इसके लिए वो SC/ST और OBC को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काकर 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर काम कर रहा है। सीएम योगी को फिर मिली जान से मारने की धमकी, डायल 112 पर आया मैसेज- जल्द ही मार डालूंगा राज्यपालों को सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया संविधान का अनुच्छेद 200, राज्य सरकार से पहुंची थी शिकायत NIA के SP विशाल गर्ग पर गृह मंत्रालय का बड़ा एक्शन, भ्रष्टाचार के मामले में किया सस्पेंड