नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है. संगठन के भीतर विभिन्न स्तरों पर तैनात इन व्यक्तियों को हवाला चैनलों के माध्यम से प्राप्त विदेशी फंडिंग में करोड़ों रुपये का उपयोग राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए करने का काम सौंपा गया था। उनकी गिरफ़्तारियाँ दिसंबर 2020 में PFI के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उजागर हुए विवरणों से हुई हैं। सभी आरोपियों के पास PFI के बैंक खातों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार था। बता दें कि, ये संगठन 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम कर रहा है, इसके लिए कट्टरपंथियों ने पूरा प्लान भी बना रखा है, हिन्दुओं को जाति में बांटकर, सेलेक्टिव हिंसा करके, नैरेटिव बनाकर, अधिक से अधिक मुस्लिमों को अपने साथ जोड़कर सत्ता पर अधिकार करने का लक्ष्य है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में संगठन के सह-संस्थापक एएस इस्माइल शामिल हैं; PFI की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद शाकिफ़; अनीस अहमद, 2020 तक राष्ट्रीय सचिव; अफ़सर पाशा, प्रतिबंध के समय राष्ट्रीय सचिव; और वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईएम अब्दुल रहमान, जिनका 70-80 के दशक में SIMI से भी जुड़ाव था। PFI के 'राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद' के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान ने कई बार तुर्की और कई अफ्रीकी देशों का दौरा किया था। अनीस अहमद राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता के रूप में कार्य करते हुए संगठन के लिए धन जुटाने के लिए जिम्मेदार थे। अफसर पाशा ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जोनल अध्यक्ष के साथ-साथ कर्नाटक इकाई के सचिव का पद भी संभाला और उन्हें 2009 में मैसूर दंगों के आसपास की साजिशों में फंसाया गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 'जेल भरो अभियान' के दौरान कारावास की सजा हुई। वहीं, एएस इस्माइल ने उत्तर भारत में संगठन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जबकि कर्नाटक में सक्रिय सदस्य शफीक राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद का भी हिस्सा थे। इन व्यक्तियों के पास फ्रेजर टाउन बैंगलोर में कॉर्पोरेशन बैंक जैसे विभिन्न बैंकों में हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकारी थे; पीएफआई के कालका जी दिल्ली के लिए मायलापुर आरएच रोड में पंजाब नेशनल बैंक, फ्रेजर टाउन बैंगलोर में चेन्नई कॉर्पोरेशन बैंक और कोझिकोड में सिंडिकेट बैंक। जांच से अरब देशों में हजारों सक्रिय पीएफआई सदस्यों के अस्तित्व का पता चला है, जो जुटाए गए धन में योगदान दे रहे हैं। 'अब भारत दूसरा गाल आगे नहीं करता..', डिफेंस अकेडमी में बोले जयशंकर- आज़ादी के बाद से हम आतंकवाद का दंश झेल रहे, लेकिन.. 'यहाँ कांग्रेस और TMC नेताओं का आना प्रतिबंधित है..', यूपी के 62 गाँवों ने किया ऐलान ! लेकिन वजह क्या ? किसकी सरकार में कितनी बार घोंटा गया 'पत्रकारिता का गला' ? प्रेस बिल पर चल रही चर्चा में रमेश बिधूड़ी का भाषण हुआ वायरल