कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच स्वदेशी फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री इस समय आवश्यक दवाओं के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (HCQ) की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त उत्पादन कर रही हैं. लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में दवा बनाने वाले औद्योगिक क्लस्टरों में फार्मा इंडस्ट्री के समक्ष कई तरह मुश्किलें पेश आ रही हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र सरकार ने संबंधित राज्यों से बातचीत कर समस्याओं के निदान का भरोसा दिया. इन प्रमुख जगहों से देश के ज्यादातर भागों में दवाओं की सप्लाई होती है. कोरोना के खौफ में मजदूर पीछे हटे, उद्योग धंधे उठा सकता है भारी नुकसान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इंडस्ट्री की ओर से बड़ी दवा कंपनियों के सहयोगी उद्योगों में भी उत्पादन शुरु करने छूट देने का आग्रह किया गया, जिसे सरकार ने मंजूर करते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है. फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव डॉक्टर पीडी वाघेला ने फार्मा इंडस्ट्री की कठिनाइयों को जानने व समझने और उसके समाधान के लिए उनके प्रमुखों व एसोसिएशनों के साथ बातचीत की. इसमें हिस्सा लेने वालों में आइपीए, आइडीएमए, ओपीपीआइ, बीडीएमए, एआइएमइडी, फार्मेक्सिल, सीआइआइ, फिक्की और ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट जैसे संगठन प्रमुख थे. इस हफ्ते सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा सोना, इतने बढ़ जाएंगे दाम इसके अलावा फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री ने दवा उत्पादक क्लस्टर हिमाचल प्रदेश के बद्दी, पंजाब के जिरकपुर, दमन-दीव व सिल्वासा और पूर्वोत्तर के राज्यों में आ रही कठिनाइयों का विस्तार से ब्योरा केंद्र के समक्ष रखा. इस दौरान उन्हें बताया गया कि इन केंद्रों पर होने वाली मुश्किलों को केंद्र सरकार के साथ संबंधित राज्यों के विभिन्न विभाग सुलझाएंगे. बैठक के तुरंत बाद इस आशय के निर्देश सभी विभागों को भेज दिए गए. लंदन और जर्मनी के किसानों के लिए फल-सब्जी लेकर जाएगा एयर इंडिया का विमान घर बैठे जानिए अपने जन-धन खाते का बैलेंस, ये रहा सबसे आसान तरीका मोराटोरियम पीरियड में ब्याज ना वसूले बैंक, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल