बरेली : मुस्लिम संस्था दारुल इफ्ता ने भले ही डिजाइनर बुर्का पहने वाली महिलाओं को सख्त हिदाद्त दी है कि वह ऐसे बुर्का नहीं पहने. पर बुर्का खरीदते समय मुस्लिम महिलाओं की पहली पसंद ही डिजाइन होती है. वहीं शहर में बुर्का या नकाब सेंटर नाम से सबसे ज्यादा वेरायटी वाली दुकानें सैलानी में हैं. यहां पर आपको काले बुर्के में कुछ नए डिजाइन के बुर्का देखती मुस्लिम महिलाएं मिल जाएंगी. बुर्कों को लेकर जहां मुस्लिम संगठन की संस्था एक के बाद एक फतवे निकाल रही है पर उन फतवों पर बुर्कों की डिजाइन भारी पड रही है वहीं दुकानदार तौकीद बताते हैं कि मार्केट में अस्सी प्रतिशत मांग तो डिजायनर बुर्के की ही है. बोले, कुछ पुराने ख्यालात वाली महिलाएं भी आ जातीं हैं, इसलिए सादा बुर्कों के कुछ पीस भी रख लेते हैं. सैलानी पर ही मिलीं सेमलखेड़ा की फिजां को जब फतवे के बारे में बताया तो मुस्कुराईं और फिर बोलीं- बहुत चुस्त बुर्का तो वह नहीं पहनतीं पर टेलर से उसे अपनी फिटिंग का तो करवाना ही पड़ता है, बरना उसे पहनकर चलना भी मुश्किल हो जाएगा. पूरनपुर से कुतुबखाना बाजार में अपने बेटे के साथ खरीदारी कर रहीं गुलबार फातिमा बोलीं, ज्यादा चुस्त बुर्का तो वैसे भी नहीं पहनना चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है पर डिजायनर बुर्का पहनने से मनाही तो ठीक नहीं है. कर्ज से परेशान किसान कर रहे हैं आत्महत्या खुलासा: 90 फीसदी रोहिंग्या शरणार्थी कुपोषित डीपीएस स्कूल बस हादसा :सामने आई परिवहन विभाग की लापरवाही