खेलोगे कूदोगे तो चलेगा दिमाग

एक्सरसाइज या खेल सिर्फ वयस्कों के लिए ही आवश्यक नहीं है इसका फायदा बच्चों में भी उतना ही होता है. अगर आपका बच्चा पढ़ाई में पीछे रह रहा है तो शायद इसका कारण यह भी हो सकता है कि वह ज्यादा खेलता कूदता नहीं है और अपने शरीर को किसी अन्य एक्टिविटी में नहीं लगाता है. हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि जो बच्चे खेलकूद आदि में अपने शरीर को इन्वॉल्व रखते हैं वह बच्चे पढ़ाई में भी काफी तेज होते हैं. शोध में यह बात सामने आई है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अगर फिजिकल एक्टिविटी में भी भाग लें वह उनके पढ़ाई के प्रति प्रदर्शन में भी बहुत ज्यादा सुधार होता है. इटली में हुए एक शोध में 8 से 11 वर्ष तक के 138 स्कूली बच्चों पर शोध किया. इन बच्चों पर 3 सप्ताह तक अध्ययन किया गया जिनमें इन बच्चों का 50 मिनट के 3 टेस्ट लिए गए.

पहले टेस्ट से पहले इन सभी बच्चों को किसी तरह के शारीरिक श्रम या खेल करवाया गया. दूसरे टेस्ट से पहले उन्हें सिर्फ पढ़ाई या मेन्टल गेम करवाई गई और तीसरे टेस्ट से पहले उन्हें फिजिकल एक्टिविटी और पढ़ाई करवाई गई. यह तीनों टेस्ट इसलिए लिए गए थे ताकि यह देखा जा सके की बच्ची पढ़ाई की तरफ कितना ध्यान देते हैं और कितनी जल्दी से रिस्पांस कर सकते हैं. शोध के बाद यह सामने आयी कि जो बच्चे टेस्ट से पहले फिजिकल एक्टिविटी में इन्वोल्व थे उन्होंने टेस्ट में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया और सवाल के प्रति उनका रिस्पांस काफी तेज था.

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