नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार (12 नवंबर) को एक वीडियो ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर रेलवे का निजीकरण करने का इल्जाम लगाया था. अब पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) की टीम ने राहुल गांधी के इस दावे को गलत पाया है. उनका कहना है कि रेलवे के निजीकरण के दावे पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं. PIB फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि ट्वीट में दावा किया गया है कि 'भारतीय रेलवे की 151 ट्रेनों का निजीकरण कर दिया गया है. जबकि रेलवे ने अपनी किसी भी संपत्ति का निजीकरण नहीं किया है.' उल्लेखनीय है कि, राहुल ने शनिवार को एक वीडियो ट्वीट किया था. इसमें राहुल कई लोगों के साथ चलते हुए बातचीत भी करते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को ट्वीट करते हुए राहुल ने लिखा था कि 'रेलवे भारत को जोड़ता है. रोज़ाना 2.5 करोड़ मुसाफिरों को सेवाएं प्रदान करता है और 12 लाख लोगों को रोजगार देता है. प्रधानमंत्री जी, रेलवे देश की सम्पत्ति है, इसे निजीकरण नहीं, सशक्तिकरण की ज़रूरत है। बेचो मत!.' यह वीडियो तेलंगाना का बताया जा रहा है, जब भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कुछ रेलवे यूनियन के सदस्य रेलवे निजीकरण के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपने के लिए राहुल गांधी से मिलने आए थे. यात्रा के दौरान चलते-चलते राहुल गांधी ने पूछा कि इंडियन रेलवे के किस हिस्से का वे निजीकरण कर रहे हैं? दक्षिण मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के एक सदस्य भरणी भानु प्रसाद ने बताया कि, 'रेलवे स्टेशनों, रेलवे कार्यशालाओं, रेलवे चिकित्सा अस्पतालों और रेलवे प्रतिष्ठानों का निजीकरण किया जा रहा है. इसके बाद राहुल ने सवाल किया कि वो (केंद्र सरकार) ऐसा कब करने की योजना बना रहे हैं? क्या वे पहले से ही इसे धीरे-धीरे कर रहे हैं?” तो सदस्यों ने कहा कि, 'हां सर. राहुल गांधी फिर पूछते हैं कि सरकार, इसे किन लोगों को दे रही हैं? बड़ी कंपनियों को या छोटी कंपनियों को. संघ के सदस्यों ने कहा कि बड़ी कंपनियां हैं सर. उन्होंने कहा कि भारत में पहले से ही प्राइवेट ट्रेनों का उपयोग किया जा रहा है. अमेरिका मध्यावधि चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को लगा झटका, बाइडेन को बहुमत अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मिले उपराष्ट्रपति धनखड़, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर लिया ये संकल्प इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट्स के जिलाध्यक्ष बने कपिल साहू