दुनिया के 122 देशों को कोरोना वायरस ने अपना शिकार बना लिया है. इस वायरस के प्रकोप से न तो कोई देश बचा है और न ही कोई खास बचा रह गया है.आलम ये है कि इसकी जद में आकर स्‍पेन की राजकुमारी की भी जिंदगी नहीं बच सकी.वहीं ब्रिटेन के राजुकमार प्रिंस चार्ल्‍स को भी क्‍वारंटाइन करना पड़ा.राष्‍ट्र प्रमुख या मंत्री या उनके संतरी कोई भी आज इसकी जद में आने से नहीं रहा है.विकासशील देशों की अपेक्षा विकसित कहे जाने वाले देशों में तो इसका रौद्र रूप देखने को मिल रहा है.दुनिया की महाशक्ति कहलाने वाला अमेरिका इसके सामने पार नहीं पा रहा है.यूरोप के बड़े देशों ने इसके आगे घुटने टेक दिए हैं.इटली के राष्‍ट्रपति को इसके सामने नतमस्‍तक होते और इसके आगे बेबस होते हुए पूरी दुनिया ने देखा है. छत्तीसगढ़ : महामारी के बीच पैदा हुए जुड़वा बच्चे, नाम है कोविड और कोरोना इसके अलावा वो विकासशील देश हैं जिन्‍हें पश्चिम आज तक पिछड़ा मानता आया था.लेकिन वहां पर कोरोना का असर पश्चिम के मुकाबले कम देखने को मिला है.इन देशों में कहें तो शिक्षा का अभाव है.यहां के लोगों पश्चिम देशों के लोगों जितने अमीर नहीं हैं.यहां के लोगों के पास उनकी तरह तकनीक नहीं है.इसके बाद भी यहां पर कोरोना के मामले कम हैं.इसकी वजह काफी लंबी चौड़ी तो नहीं है, लेकिन हां आसान शब्‍दों में इसको समझ का फेर जरूर कहा जा सकता है.दरअसल, जिस कोरोना को लेकर पश्चिम देश शुरुआत में ढिलाई बरत रहे थे उसपर विकासशील देश शुरुआत से ही चिंतित भी थे और मुमकिन है कि अंदर ही अंदर अपनी रणनीति भी बना रहे थे. निजामुद्दीन मरकज में मसूरी के पांच जमाती शामिल आपकी जानकारी के लिए बात दे कि कोरोना के मामले में यूरोप हो या अमेरिका इन सभी ने अपनी नींद तोड़ने में जो देरी की उसका खामियाजा आज यहां के लोग उठा रहे हैं.इतना ही नहीं आज भी इन देशों में लॉकडाउन और सोशल डिस्‍टेंसिंग को लेकर मजाक बनाने वालों की कमी नहीं है.अमेरिका में न्‍यूयॉर्क कोरोना की ताकत के आगे बुरी तरह से पस्‍त और बेबस है.लेकिन लोग प्रशासन के बताए निर्देशों को कड़ाई से नहीं ले रहे हैं.ऐसा ही दूसरे शहर और राज्‍यों का भी हाल है.यूरोप के कई देशों में इसकी वजह से क्‍वारंटाइन के नियमों को और कड़ा करना पड़ा है.अमेरिका में इसके लिए आतंकवाद विरोधी कानून लगाया गया है.इसका अर्थ है कि यदि कोई कोरोना संक्रमित व्‍यक्ति बाहर घूमता पाया गया तो उसके खिलाफ आंतकवाद फैलाने का मुकदमा चलाया जाएगा जिसमें उसको दस वर्ष तक की कैद हो सकती है.इन बातों को झुठलाना नामुमकिन है, लेकिन इनसे आंख फेर लेनाआसान है. आज से मिलेगा दुनिया का सबसे साफ BS6 पेट्रोल-डीजल, जानिये क्या है ख़ास रेपिड रिस्पांस टीम होम क्वारंटीन किए गए लोगों का लेगी हाल महिला को कोरोना है सुन घरो में दुबके ग्रामीण