पीएम मोदी ने देश में 3 मई तक लॉकडाउन किया है. वही, सरकारी कार्यालय नहीं होने के बावजूद सेंट्रल पब्‍लिक सेक्‍टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) के कुछ ऑफिस में काम शुरू कर दिया गया जिस पर आपत्‍ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई.लॉकडाउन में 20 अप्रैल से मिली छूट के तहत कई ऐसे कार्यालय ने काम शुरू कर दिया है जो सरकारी विभाग या कार्यालय के तहत नहीं आते हैं. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दाखिल की गई. रमजान के पहले दिन बंद रही मस्जिद, इमाम ने बोली यह बात आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सेंट्रल पब्‍लिक सेक्‍टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) द्वारा खुद को सरकारी विभाग या कार्यालय के तौर पर आंकते हुए SAIL, NBCC आदि कार्यालयों को अवैध तौर पर खोला गया जिसपर याचिका में आपत्‍ति जताई गई है. बता दें कि गत 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन जारी है जो आगामी 3 मई तक रहेगा. इस बीच गृह मंत्रालय ने उन इलाकों के कुछ सेक्‍टरों को 20 अप्रैल से छूट दी जहां कोविड-19 का एक भी मामला नहीं हैं. लॉकडाउन : सबसे मुश्किल में है यह तबका, बुनियादी जरूरतें भी नहीं हो रही पूरी वायरस के प्रकोप के बीच सरकार की ओर से स्‍वास्‍थ्‍य संबंधित सेवाओं, मनरेगा वर्करों के साथ खेती से जुड़े कामों को शर्तों के साथ अनुमति दी गई. इसके अलावा तेल और गैस सेक्टर से जुड़ी गतिविधियों को भी अनुमति दी. पोस्टल सर्विस व पोस्ट ऑफिस को खोलने की अनुमति दी और गौशाला व जानवरों के शेल्टर होम को भी अनुमति दे दी गई. इसके अनुसार, निर्माण कार्यों के साथ हाइवे के ढाबे, ट्रक रिपेयर करने वाली दुकान, सरकारी काम से जुड़े कॉल सेंटर खुल सकेंगे. इसके साथ इलेक्ट्रिशियन, आईटी रिपेयरिंग वाले, पलंबर, मोटर मैकेनिक, कार्पेंटर को काम करने की इजाज़त दी गई. जिनकी मौत कोरोना से नहीं हुई, उनके शव लाने की अनुमति दें, केरल सीएम की पीएम मोदी को चिट्ठी लॉकडाउन में भी भ्रष्टाचार, सुशासन बाबू के राज में मारा जा रहा गरीबों का हक़ जम्मू में चैरिटेबल होम में राशन ख़त्म होने की कगार पर, कैसे भरेगा 122 बच्चों का पेट ?