शरीर को इस तरह फायदा पहुंचा सकता है, पिप्पली का पौधा

पिप्पली की कोमल तनों वाली लताऐं 1-2 मीटर तक जमीन पर फैलती है। इसके गहरे रंग के चिकने पत्ते 2-3 इंच लंबे एवं 1-3 इंच चौड़े, हृदय के आकार के होते हैं। इसके पुष्पदंड 1-3 इंच एवं फल 1 इंच से थोड़े कम या अधिक लंबे शहतूत के आकार के होते हैं। कच्चे फलों का रंग हल्का पीलापन लिए एवं पकने पर गहरा हरा रंग फिर काला हो जाता है। इसके फलों को ही छोटी पिप्पली या पीपल कहा जाता है।

यदि आपको भी आती है ट्रैवेल करते समय उल्टियां तो अपनाएं यह उपाय

यह भी है इसके उपयोग 

जानकारी के लिए बता दें ऐसे लोग जिन्हें अस्थमा या फिर कफ की शिकायत है ऐसे लोगों के लिए पिप्पली कल्प का प्रयोग रामबाण उपाय है। इसके लिए आप सबसे पहले एक गिलास या फिर आप जितना हजम कर पाएं उतना दूध के साथ एक पिप्पली को पकाएं। 10-15 मिनट बाद जब दूध गाढ़ा हो जाए तो पिप्पली को खाकर दूध को पी लें। इसके बाद कोशिश करें कि दिन भर कुछ न खाएं। 

कैल्शियम की कमी के होते हैं ये लक्षण, करें दूर

और भी है कई उपयोग 

इसी के साथ दोपहर या फिर शाम के समय अगर भूख लगती भी है तो हल्का भोजन ही करें। कम से कम अन्न पर रहना ज्यादा लाभदायक होता है। कम अन्न पर रहना ज्यादा लाभदायक होता है। अस्थमा और कफ के पूर्णतः उपचार के लिए इसी विधि से दूसरे दिन एक गिलास दूध के साथ दो पिप्पली को पकाएं और सेवन करें। क्रम को हर दिन आगे बढ़ाते जाएं। मतलब यह कि तीसरे दिन तीन पिप्पली, चौथे दिन चार पिप्पली।

अब ना भटके नौकरी के लिए, यहां आवेदन कर कमाए 67 हजार रु

सनबर्न और मुहासों से बचाएगा ये तेल

ये होती है कैंसर की पहली स्टेज, इन संकेत को जानकार करें बचाव

Related News