पूर्वज कहते है कि श्राद्ध पक्ष में पितर अपनी संतानों के बीच पृथ्वी लोक पर आते हैं, और संतान भी अपने पित्रों के निमित्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार श्राद्ध कर्म, दान पुण्य जैसे अनेक छोटे बड़े कर्म श्रद्धापूर्वक करते ही हैं लेकिन क्या आप जानते है कि इसके अलावा भी एक ऐसा भी महान काम है जिसे करने से पितर खूब प्रसन्न हो जाते हैं. जी हाँ, एक और ऐसा काम है जो बहुत सरल है और जिसे करने से पितर खुश होते है. कहा जाता है कि शास्त्रों के अनुसार अगर पितृपक्ष या पितरों की पुण्य तिथि पर संताने अपने पूर्वजों की याद में देव वृक्ष पीपल का पेड़ लगाते है तो पितर को सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हुए देखा जा सकता हैं तो इस बार आप जरूर लगाए पीपल का पेड़. कौन कर सकता है श्राद्ध और कितने प्रकार के होते हैं श्राद्ध..? अब आइए जानते है कि पीपल वृक्ष को लगाने से पितर किस प्रकार प्रसन्न हो जाते हैं - कहा जाता है कि पीपल वृक्ष को देव वृक्ष भी कहा जाता हैं, इसमें भगवान विष्णु जी का वास हैं और ऐसी मान्यता भी हैं, कि पित्रों का निवास स्थान भी इसी पर होता है, और वहीं से श्राद्ध की तिथियों के अनुसार अपने परिजनों के पास सुक्ष्म रूप से जाते हैं, और पितरों के निमित्त निकाले गए अन्न को ग्रहण करके प्राणवायु के रूप में पीपल पर लौट आते हैं. यही कारण है कि पित्रों की याद में किसी मंदिर या अन्यत्र कही पवित्र स्थान पर पीपल का पेड़ लगाना चाहिए, क्योंकि पीपल वृक्षों की आयु सैकड़ों वर्षों की होती है, इस पेड़ को लगाने से पितरों का आशीर्वाद भी लम्बे समय तक मिलता है और संतान के जीवन फलते फूलते हैं. श्राद्ध पक्ष में भूलकर भी न करें यह 5 कार्य वरना... इस एक चीज के बिना सफल नहीं होते श्राद्ध, रखें इन बातों का ध्यान आइए जानते हैं श्राद्ध में कौआ कैसे देता है शुभ-अशुभ संकेत