पितृ पक्ष 2018: जानिए पूर्णिमा श्राद्ध का समय और सभी मुहूर्त

आप सभी इस बात को बहुत अच्छे से जानते ही होंगे कि पूर्णिमा तिथि के साथ ही आज से श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ हो गया है और यह सोलह दिन का हो और अब सोलह दिन के लिए हमारे पितृ घर में विराजमान होंगे. वह इन सोलह दिनों में अपने वंश का कल्याण करेंगे. कहते हैं कि वह इस समय घर में सुख-शांति-समृद्धि प्रदान करेंगे. आइए जानते हैं मुहूर्त..

पूर्णिमा श्राद्ध का समय ( सोमवार)  कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:36 तक रोहिण मुहूर्त = 12:36 से 13:24 तक अपराह्न काल = 13:24 से 15:48 तक किसके लिए : जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो.

आपको बता दें कि पूर्णिमा तिथि 24 सितंबर को 7.17 से प्रारम्भ होकर 25 सितंबर को 8.22 पर समाप्त हो जाएगी और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार श्राद्ध में उदय तिथि का महत्व नहीं होता अपितु तिथि की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है और जिस दिन मृत्यु हुई हो, उस तिथि का महत्व माना जाता है. तिथि पर सुबह तर्पण करने के बाद दोपहर को भोजन कराया जाना चाहिए.

कैसे करें श्राद्ध - सबसे पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और गाय का अंश निकालें (इसमें भोजन की समस्त सामग्री में से कुछ अंश डालें) उसके बाद किसी पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिलों के साथ तीन बार तर्पण करें और उस दौरान ऊं पितृदेवताभ्यो नम: का जाप करें. अब बाएं हाथ में जल का पात्र लें और दाएं हाथ के अंगूठे को पृथ्वी की तरफ करते हुए उस पर जल डालते हुए तर्पण करें और वस्त्रादि जो भी आप चाहें पितरों के निमित निकाल कर दान करे.

आइए जानते हैं क्या न करें - श्राद्ध के दिन याद रहे तेल और साबुन का प्रयोग न करें. साथ ही शेविंग न करें. इस दिन नए वस्त्र न पहनें और तामसिक भोजन न करें.  इस बात का ख़ास ध्यान रखें - पुरुष का श्राद्ध पुरुष को, महिला का श्राद्ध महिला को दिया जाना चाहिए और यदि पंडित उपलब्ध नहीं हैं तो श्राद्ध भोजन मंदिर में या गरीब लोगों को दे सकते हैं.

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