पितृ पक्ष के 16 दिनों में आखिर नवमी तिथि के दिन किया जाने वाला श्राद्ध सबसे खास होता है। जी दरअसल हिन्दू धर्म में पितरों के मोक्ष की कामना के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों के लिए श्रद्धा के साथ श्राद्ध करने पर न सिर्फ उन्हें मुक्ति मिलती है, बल्कि हमें उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। हालाँकि पितृपक्ष के 16 दिनों में मातृ नवमी तिथि को किया जाने वाला श्राद्ध विशेष माना गया है, आइए बताते हैं इसके बारे में। मातृ नवमी श्रााद्ध की तारीख - 19 सितंबर 2022 मातृ नवमी श्राद्ध का कुतुप मूहूर्त - प्रात:काल 11:50 से दोपहर 12:39 बजे तक है। कब करें मातृ नवमी का श्राद्ध- पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्णपक्ष की नवमी तिथि 18 सितंबर 2022 को सायंकाल 04:32 बजे से प्रांरभ होकर 19 सितंबर 2022 को सायंकाल 07:01 बजे तक रहेगी। जी हाँ और इस दिन पितरों के निमित्त किए जाने वाले श्राद्ध हेतु सबसे उत्तम समय मानी जाने वाली 19 सितंबर को प्रात:काल 11:50 से दोपहर 12:39 बजे तक रहेगी। ऐसे में 19 सितंबर 2022 को इसी समय में मातृ नवमी का श्राद्ध करने की कोशिश करें। कैसे करना चाहिए मातृ नवमी का श्राद्ध- मातृ नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और उसके बाद साफ कपड़े पहनकर कुतुप बेला में पितरों का विधि-विधान से श्राद्ध करें। ध्यान रहे इसके लिए सबसे पहले किसी एक सफेद चौकी या मेज पर दिवंगत महिला की तस्वीर रखें और यदि उनकी तस्वीर न हो तो वहां पर पूजा की सुपारी रख दें और उस पर फूल, तुलसी और गंगजल चढ़ाएं और उनकी फोटो के आगे तिल का दीपक और धूपबत्ती जलाएंं। अब पूजा के बाद अगर संभव हो तो गरुड़ पुराण, गजेन्द्र मोश्र या भगवत गीता के नौवें अध्याय का पाठ करें अथवा सुनें। इसके बाद श्राद्ध के भोजन को दक्षिण दिशा में रखें और ब्राह्मण को भोजन कराएं और उसे सामर्थ्य के अनुसार दान करें। ध्यान रहे इस दिन पितरों को तांबे के लोटे में जल और काला तिल मिलाकर तर्पण करना बिल्कुल न भूलें। मातृ नवमी श्रााद्ध का महत्व- जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि इस दिन परिवार से जुड़ी महिलाओं के लिए विधि-विधान से श्राद्ध करने पर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृपक्ष में खरीददारी करनी चाहिए या नहीं?, आपको जरूर पढ़ने चाहिए ये नियम आज है षष्ठी श्राद्ध, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि 17 या 18 को, कब है जितिया व्रत?, जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त