राज्यसभा में भिड़े पीयूष गोयल और मल्लिकार्जुन खड़गे, इन मुद्दों पर छिड़ी जंग

नई दिल्ली: बृहस्पतिवार को भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आरम्भ होने के कुछ ही मिनटों में दोपहर दो बजे तक स्थगित हो गई। संसद में राहुल गांधी के लंदन वाले बयान एवं अडानी मुद्दे पर राजनीतिक संग्राम जारी रहा। लोकसभा में पक्ष-विपक्ष ने नारेबाजी कर एक-दूसरे पर हमला बोला तो वहीं राज्यसभा में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।

दरअसल, हुआ ये कि राज्यसभा की कार्यवाही के चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने अडानी मुद्दे पर चर्चा तथा अडानी ग्रुप पर लगे आरोप की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की नाकामी को लेकर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत मिले नोटिस की खबर दे रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी, संजय सिंह सहित अन्य नेताओं के नाम लिए और बताया कि किसी भी नोटिस के लिए इजाजत नहीं दी गई है। तत्पश्चात, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल बोलने के लिए खड़े हुए। पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कांग्रेस एवं विपक्ष पर हमला बोला। पीयूष गोयल ने विपक्ष की तरफ संकेत करते हुए कहा कि इनके नेता संसद पर सवाल उठाते हैं, न्यायपालिका पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि इनके नेता को माफी मांगनी ही होगी।

पीयूष गोयल का इतना बोलना था कि विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा आरम्भ कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी अपनी सीट के सामने खड़े हो गए तथा अडानी मुद्दे को लेकर सरकार पर जुबानी तीर चलाए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अडानी मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा करानी ही पड़ेगी। हमारी मांग है कि जेपीसी जांच करानी ही होगी। राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने आ गए तथा हंगामा बढ़ने लगा तब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हाउस ऑर्डर में नहीं है। उन्होंने हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया। सभापति धनखड़ ने फ्लोर लीडर्स के साथ तीन-तीन बैठकें करने का जिक्र किया तथा कहा कि उच्च सदन में जो हो रहा है, उससे जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। राज्यसभा में तीखे वार-पलटवार के बीच एक अवसर ऐसा भी आया जब हंसी-ठिठोली देखने को मिली। 

दरअसल, राज्यसभा की कार्यवाही के आरम्भ में ही सभापति धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह एवं डॉक्टर सस्मित पात्रा को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि संजय सिंह ने मुझसे वादा किया है कि आज वेल में नहीं आएंगे। सभापति धनखड़ की इस बात पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। इससे पहले राज्यसभा में कई कमेटियों की रिपोर्ट्स प्रस्तुत की गईं। सेक्रेटरी जनरल ने लोकसभा से पारित जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक एवं अनुदान मांगों से संबंधित प्रपत्र भी चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किए। हालांकि, हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी।

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