नई दिल्लीः भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किए गए उनके काम को लेकर नोबेल पुरस्कार से नवाज गया। इसके बाद से ही अभिजीत भारत में सुर्खीयों में बने हुए हैं। उन्होंने कई दफे मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए हैं। जिसको लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने है। केंद्रीय रेल और वाणिज्य मंत्री ने अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार जीतने पर बधाई देते हुए तंज कसा है। पीयूष गोयल ने कहा कि अभिजीत बनर्जी जी को नोबेल पुरस्कार मिला मैं उनको बधाई देता हूं। गोयल ने कहा कि मगर उनकी समझ के बारे में आप सब जानते हैं। उनकी जो सोच है वह वामपंथ से प्रेरित हैं। उन्होंने न्याय (कांग्रेस की योजना) के गुणगान गाए थे। भारत की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस गरीबी हटाने की जिस बहुप्रचारित और चर्चित 'न्याय' स्कीम को लेकर मैदान में उतरी थी उसे तैयार करने और तानाबाना बुनने में अभिजीत बनर्जी का भी दिमाग लगा था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी ने घोषणापत्र तैयार करने में कुछ बड़े अर्थशास्त्रियों की राय और मदद ली थी जिसमें अभिजीत भी प्रमुख सलाहकारों में थे। गरीब परिवारों को प्रति माह छह हजार रुपए देने का सुझाव उनका ही था। ताकि गांवों में भी गरीब खरीदारी करे और अर्थव्यवस्था में तेजी आए। अभिजीत ने नोटबंदी को लेकर भी अर्थव्यवस्था में नुकसान की बात कही थी। भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर को भी उस पुरुस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार उनके द्वारा किए गए शोध 'वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग' के लिए दिया गया। कोलकाता में 21 फरवरी 1961 को अभिजीत का जन्म हुआ था। अभिजीत विनायक बनर्जी को बचपन से ही गरीबी परेशान करती थी। वे अपने अर्थशास्त्री पिता डा. दीपक बनर्जी और अर्थशास्त्री डा. निर्मला से इस बार में सवाल पूछते रहते थे। कमलेश तिवारी हत्याकांड: सूरत से तीन संदिग्ध और बिजनौर से दो मौलाना गिरफ्तार सुप्रीम कोर्ट में छलका चिदंबरम का दर्द, कहा- जेल में 2 बार पड़ा बीमार, 5 किलो घटा वजन अमिताभ बच्चन अस्पताल से पहुंचे घर, उम्मीद है कि बिग बी खुद ही अपने फैंस को देंगे पूरी जानकारी