पीयूष गोयल ने कारोबारी समझौते आरसीईपी को लेकर उद्योग जगत को दिया यह भरोसा

नई दिल्लीः प्रस्तावित कारोबारी समझौते आरसीईपी को लेकर घरेलू उद्योगों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो गया है। इस समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में है। केंद्र सरकार ने घरेलू उद्योगों को इससे नहीं घबराने की अपील की है। सरकार ने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले घरेलू उद्योग के हितों को संरक्षित किया जाएगा। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने से पहले घरेलू उद्योगों के हितों पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।

रीजनल कॉम्प्रीहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) दस आसियान देशों ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के साथ साथ उनके छह मुक्त व्यापार समझौता सहयोगी देशों आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के बीच होगा। सभी सदस्य देशों ने इस समझौते पर हो रही वार्ता को नवंबर 2019 में समाप्त करने की समय सीमा तय की है। समझौते पर हस्ताक्षर के लिए जून 2020 की अवधि तय हुई है।

गोयल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय हितों का पहले ध्यान देगी और किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करेगी। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में 2009-10 के दौरान हुए मुक्त व्यापार समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों पर किसी तरह का समझौता नहीं होगा।वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में हुए मुक्त व्यापार समझौतों में देश के हितों का ध्यान नहीं रखा गया। पीयूष गोयल ने कहा कि इन समझौतों में ऐसे प्रावधान हैं जिनसे देश को नुकसान हुआ और सेवा क्षेत्र में किसी लाभ नहीं लिया गया। मगर अब न केवल सेवाओं में बल्कि निवेश के संदर्भ में भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान न पहुंचे।

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