आई-लीग क्लब ईस्ट बंगाल ने समय से पहले ही अप्रैल के अंतिम सप्ताह में अपने कुछ खिलाड़ियों का अनुबंध रद्द कर दिया था. इन खिलाड़ियों ने फुटबाल प्लेयर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफपीएआई) से इसके खिलाफ संपर्क किया है और अब वे अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) से संपर्क करने विकल्प पर विचार कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. ईस्ट बंगाल में निवेश करने वाली कंपनी क्वेस ने 25 अप्रैल को 'फोर्स मेजेयुर क्लॉज' (समय से पहले अनुबंध खत्म करना) लागू कर दिया था, जिसके तहत एक मई से सभी अनुबंध रद्द हो गया है. एफपीएआई के अधिकारी सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने आईएएनएस से कहा, " लगभग 10 भारतीय खिलाड़ियों ने हमसे अब तक मदद मांगी है. छह-सात और खिलाड़ी भी हमें अपने अनुबंध भेज रहे हैं और फिर हम अगले सप्ताह के अंत तक क्वेस को एक पत्र का मसौदा भेजेंगे. अगर मामले का हल हो जाएगा तो ठीक है, नहीं तो हम एआईएफएफ से संपर्क करेंगे." जिन भारतीय खिलाड़ियों का अनुबंध समय से पहले रद्द किया गया है, उनमें ललरिंडिका राल्ते, ब्रैंडन वंलर्मदिका, अभिषेक अम्बेकर, अशीर अख्तर, समद अली मलिक, प्रकाश सरकार, मनोज मोहम्मद और बोइथांग हाओकिप शामिल हैं. इन खिलाड़ियों के अनुबंध को खत्म होने में अभी एक साल से ज्यादा का समय शेष था. जैमी सांतोस कोलाडो का अनुबंध 2020-21 सीजन में खत्म होगा और यह स्पेनिश खिलाड़ी अपने पूरे सीजन के वेतन की मांग कर सकता है. भट्टाचार्य ने कहा, " हमने विदेशी खिलाड़ियों को अपने-अपने संघों से संपर्क करने की सलाह दी है. स्पेनिश खिलाड़ियों का संघ बहुत मजबूत है और ये खिलाड़ी फीफा के विवाद समाधान चैंबर (डीआरसी) में ईस्ट बंगाल क्लब के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं." 2018 में ईस्ट बंगाल में निवेश करने वाले कंपनी क्वेस ने कहा कि वह 31 मई के बाद क्लब से अलग हो जाएगी. भारत की दिग्गज पैरा एथलीट दीपा मलिक आज लेने वाली है संन्यास बूढ़े हुए धोनी वाइफ ने शेयर की तस्वीर वसीम अकरम ने बुमराह को दी सलाह, कहा- भगवान के लिए कभी काउंटी क्रिकेट मत खेलना