नई दिल्ली: एम. नागरेश्वर राव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का अंतरिम निदेशक बनाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से दायर याचिका में नागरेश्वर राव की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी गई है. इससे पहले सीबीआइ के डायरेक्टर आलोक वर्मा को केंद्र सरकार ने हटा दिया है, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, सेंसेक्स के साथ निफ़्टी भी लुढ़का उल्लेखनीय है कि मंगलवार को शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ही इस बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि आलोक वर्मा की छुट्टी होने वाली है. किन्तु बताया जा रहा है कि 36 घंटे के अंदर सेलेक्शन कमेटी के माध्यम से हटाए जाने के लिए आलोक वर्मा खुद ही जिम्मेदार हैं. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन के अंतराल के बाद बुधवार को अपना कार्यभार संभाला था. पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जाने के लिए उत्सुक था यह टीवी एक्टर आपको बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 को देर रात आदेश जारी करते हुए वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया था. इस कदम की व्यापक स्तर पर कड़ी आलोचना की गई थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसले आने के बाद आलोक वर्मा के नजदीकी अधिकारियों ने सीबीआई के मुख्य कार्यालय आना शुरू कर दिया था. इसके बाद आईबी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी कि आलोक वर्मा बदले की भावना से काम करना आरम्भ कर दिया है. जिसके बाद चयन समिति ने उन्हें पद से हटा दिया था. खबरें और भी:- महाधिवेशन समाप्त होने के बाद एक्शन मोड में आई भाजपा, शुरू हुआ बैठकों का दौर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में युवाओं के लिए वैकेंसी, जानिए क्या है आवेदन की प्रक्रिया ? 1 लाख रु वेतन, रिसर्च एसोसिएट्स करें अप्लाई