नई दिल्ली: शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल करके मांग की गई है कि कोरोना वायरस के उपचार के लिए इथेनॉल वाष्प या किसी भी उपयुक्त वाष्प चिकित्सा को मंजूरी देने के लिए निर्देश जारी करें। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामास्वामी एक 'स्वतंत्र आविष्कारक, लेखक और एक्टिविस्ट' हैं, जिन्होंने कई अहम् परियोजनाओं पर काम किया है। याचिका में कहा गया है कि याचिका में बनाए गए प्रतिवादियों में से किसी को भी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को सुरक्षित दवा के रूप में 'इथेनॉल वाष्प के अनुमोदन' या किसी भी उपयुक्त एल्कोहल वाष्प थेरेपी देने के लिए निर्देश दिए जा सकते हैं, जिनमें कोरोना के प्रारंभिक लक्षण हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना महामारी के लिए कोई भी दवा अभी तक मौजूद नहीं है, ऐसे में ये इथेनॉल वाष्प रोगी को बेहतर इलाज देगा। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को शुरुआती अवस्था में फेफड़ों में बहुत ही अस्थायी अवधि के लिए नियमित अंतराल पर धीरे-धीरे छोटे से मध्यम स्तर तक इथेनॉल वाष्प थेरेपी दी जानी चाहिए। हालाँकि, अभी तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस याचिका पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लॉकडाउन खुलने के बाद पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में लग सकती है आग मोदी सरकार ने करोड़ों लोगों को दी खुशखबरी, राशन कार्ड को अपडेट कराने की समय सीमा बढ़ी घर में घूसने से 5 हजार लोगों ने रोका, कोरोना संक्रमित नहीं था यह शख्स