नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके चलते सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी संकट है. शीर्ष अदालत में गुरुवार को एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को अभी निरस्त करने की मांग की गई है. हालांकि, 29 मार्च से आरंभ होने वाले IPL को आगे बढ़ाने के लिए दाखिल याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से सर्वोच्च अदालत ने इनकार कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई एक जनहित याचिका में अपील की गई है कि IPL के मैच के दौरान स्टेडियम में 30 से 50 हजार लोग मौजूद होते हैं. ऐसे में इस टूर्नामेंट को निरस्त कर देना चाहिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा है कि कोर्ट अभी ऐसे मामलों को सुनने के लिए नहीं बैठी है. ऐसे में इस याचिका को लेकर सोमवार को आएं. ये मामला इतना आवश्यक नहीं है कि इसकी सुनवाई तत्काल की जाए. आपको बता दें कि कोरोना वायरस का असर भारत में बहुत बढ़ गया है और अब तक इसके 60 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में सबसे बड़ा संकट IPL पर आ गया है, क्योंकि ये टूर्नामेंट 29 मार्च से आरंभ होने जा रहा है. भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी विदेशियों के वीज़ा को निरस्त कर दिया है, जिसका असर IPL में खेलने आने वाले विदेशी प्लेयर्स पर पड़ सकता है. BCCI सूत्रों के अनुसार, 15 अप्रैल तक विदेशी खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लग सकता है. यदि ऐसा होता है तो IPL के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा. Ind Vs SA : धर्मशाला में पहला वनडे मुकाबला आज, डिकॉक बोले- हम कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार Ind Vs SA: धर्मशाला वनडे से पहले भुवनेश्वर को लगा कोरोना का डर, कही ये बात Ind Vs SA: न्यूज़ीलेंड से 'क्लीन स्वीप' झेलने के बाद कल अफ्रीका से भिड़ेगी टीम इंडिया