नई दिल्लीः पीएम मोदी कामकाज को लेकर काफी सख्त माने जाते हैं। उन्हें कामकाज में किसी तरह का पारिवारिक हस्तक्षेप पसंद नहीं है। पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि वह मंत्रालय में सलाहकार के तौर पर अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति न करे। इसके साथ ही पीएम ने मंत्रियों से कहा है कि वह सार्वजनिक तौर पर ऐसे दावे न करे जिन्हें कि वह पूरा न कर सकें या जो उनके क्षेत्र के नहीं हैं और विविध मुद्दों पर बात करने की जरूरत नहीं है। पीएम ने यह बात इसलिए कही क्योंकि वह मंत्रियों के मीडिया और सार्वजनिक तौर पर गैरजरूरी टिप्पणियों से नाराज हैं। उन्होंने मंत्रियों से साफ तौर पर कहा है कि वे केवल तथ्यों को बताएं या ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें। मोदी इससे पहले भी मंत्रियों को इस तरह का संदेश दे चुके हैं। बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम ने कहा कि शासन की गति और दिशा में सुधार के लिए कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच समन्वय जरूरी है। मंत्रियों को भी विभाग के सचिव जैसे शीर्ष अधिकारियों के साथ ही संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों से भी संवाद करना चाहिए जिससे उन्हें भी लगे कि वे भी टीम का भाग हैं। पीएम मोदी ने मंत्रियों को सुबह साढ़े नौ बजे तक ऑफिस पहुंचने को कहा। पीएम ने बताया कि कुछ मंत्रियों को इस निर्देश पर खास ध्यान देने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि उन्होंने कई बार अनुशासन, समय की पाबंदी और काम की प्रतिबद्धता को लेकर सलाह दी है। यदि मंत्री वक्त की पाबंदी करेंगे तो इसका प्रभाव उनके विभाग ही नहीं बल्कि पूरी सरकार के कामकाज पर पड़ेगा। पीएम मोदी खूद काफी सख्त दिनचर्या का पालन करते हैं। कश्मीर मुद्दे पर अफरीदी के ट्वीट का गंभीर ने दिया जवाब, पाक क्रिकेटर को जमकर लताड़ा भीमा कोरेगांव हिंसा : कोर्ट ने आरोपियों से पूछे यह सवाल अगर पाकिस्तान अपना एयरस्पेस बंद करता है, तो हमें समुद्री मार्ग बंद करना चाहिए -सुब्रमण्यम स्वामी