नई दिल्ली: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी हो चुकी है, इस बीच भारत ने भी बड़ा फैसला लिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगान मुद्दे पर एक हाई-लेवल कमिटी गठित की है. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित सुरक्षा से संबंधित कुछ अन्य अधिकारी शामिल हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के अफगान डिविजिन के लोग भी इसमें शामिल किए गए हैं. इस ग्रुप का काम अफगानिस्तान की बदलती स्थिति पर निगाह रखना है, जिससे यह तय किया जा सके कि भारत की प्राथमिकता क्या होंगी. बता दें कि भारत और अफगानिस्तान बीते 20 वर्षों से करीबी मुल्क रहे हैं. भारत की ओर से अफगान में भारी निवेश भी किया गया था. हालांकि, भारत की पहली प्राथमिकता वहां फंसे अपने लोगों को निकालना है. ताजा जानकारी के अनुसार, अमेरिकी फ़ौज के जाने के बाद भी कुछ भारतीय वहां रह गए हैं. फिलहाल अफगान का हवाई अड्डा आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे में है. समिति के बनने के बाद से ही पिछले कुछ दिनों में इसकी लगातार बैठकें हो रही हैं. सूत्रों से जानकारी मिली है कि सबसे पहली प्राथमिकता फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकालना है. इसके साथ ही अफगान के अल्पसंख्यकों को भी भारत लाने का प्रयास हैं. इसके साथ-साथ इसपर भी जोर है कि अफगान की सरजमीं का उपयोग किसी भी तरह भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधि के लिए ना हो. ओला की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के जरिए बनाई जा रही है करोड़ों जुटाने की योजना विप्रो ने इन पदों के लिए निकाली बंपर भर्तियां बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका! 1 सितंबर से बदलने जा रहे है ये नियम