अहमदाबाद. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के बाद बीजेपी पार्टी को उसकी पसंद का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार मिलना तय है और इस फेहरिस्त में लालकृष्ण आडवाणी का नाम आगे आ रहा है. 8 मार्च को सोमनाथ में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट रूप से संकेत दिए है कि वह गुरु दक्षिणा के तौर पर लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति पद देना चाहेगे. बता दे कि इस वर्ष जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. आडवाणी और मोदी की सोमनाथ में हुई मुलाकात महत्वपूर्ण है, 1990 में आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा शुरू की थी, तब उन्होंने मोदी को प्रोजेक्ट किया था. इसी के साथ राष्ट्रीय स्तर की राजनीती में मोदी का प्रवेश हुआ था. यह भी बता दे कि 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी से जब अटल बिहारी वाजपेयी नाराज हुए थे, तो उस वक्त भी आडवाणी ने मोदी का बचाव किया था. यह भी बता दे कि 2014 के लोकसभा चुनाव के समय जब मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया गया, तब आडवाणी ने ही विरोध शुरू किया था. इसके बाद भी मोदी प्रधानमंत्री बन गए, तभी से आडवाणी ने मौन साध लिया.यह भी माना जाता है कि दोनों के बीच उसी के बाद से अस्पष्ट कोल्ड वार शुरू हो गई. ये भी पढ़े उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनेंगे राजनाथ सिंह ? ईद वाले सड़कों पर उतरेंगे तो आप दिवाली वालों को नाराज करा देगे - आजम खान मणिपुर में कल होगा शपथ ग्रहण समारोह, BJP के एन बीरेन सिंह लेंगे CM पद की शपथ