इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की 150 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद पहुंचे। इस दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया और वे समारोह के मंच पर भी उनके साथ मौजूद रहे। शपथग्रहण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सार्वजनिक मंच पर मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इलाहाबाद का उच्च न्यायालय भारत के न्याय विश्व का तीर्थ क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में एक ललक और जुनून स्वाधीनता आंदोलन के दौरान दिखाई देता था। हमें सोचना होगा कि क्या इलाहाबद से देश को प्रेरणा मिल सकती है जब वर्ष 2022 में स्वाधीनता के 75 वर्ष हो जाऐंगे तो हमें उस समय सोचना होगा कि क्या इन पांच वर्षों में इस तरह का जज्बा पैदा किया जा सकता है कि जो भी भारतीय जहां है वहीं से वर्ष 2022 के लिए रोडमैप और संकल्प कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस न्याय तीर्थ में आने का मुझे मौका मिला है ऐसे में मैं स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करता हूं। उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में भी नई तकनीक का उपयोग होना चाहिए। यदि हम एसएमएस से या मोबाईल फोन पर तारीख लेने की परंपरा को प्रारंभ करते हैं तो यह बेहतर होगा। अपने उद्बोधन में उन्होंने डाॅ. राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि आखिर क्या कानून लोगों के स्वभाव के अनुकूल होना चाहिए। इसमें वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखकर इसे तैयार करने की बात होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था क यदि में प्रधानमंत्री बन गया तो हर दिन एक कानून जरूर समाप्त करूंगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक सरकार 1200 ऐसे कानून समाप्त कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेते हुए कहा कि न्यायव्यवस्था में एक अध्याय जुड़ सकता है और ऐसा किया जा सकता है कि आखिर क्यों न वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की जाए। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की। इलाहाबाद में हुआ मोदी और योगी का संगम, HC की 150वीं सालगिरह समारोह में हुए शामिल तकनीक के माध्यम से समाज में मौजूद समस्याओं का समाधान खोजा जाना चाहिए आज देश की सबसे बड़ी सुरंग का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, रोज बचेंगे 27 लाख रूपए