आज के दिन पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई का 100वीं जयंती है. इस खास अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी कविताओं की साहसिक लाइन को भी याद किया. उन्होंने लिखा कि 'मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं…लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं? अटल जी के ये शब्द कितने साहसी, कितने गूढ़ हैं? अटल जी, कूच से नहीं डरे, उन जैसे व्यक्तित्व को किसी से डर लगता भी नहीं था.' अटल जी ये भी कहते थे, 'जीवन बंजारों का डेरा आज यहां, कल कहां कूच है, कौन जानता किधर सवेरा? उन्होंने आगे भावुकता से लिखते हुए कहा 'आज अगर वो हमारे बीच होते, तो वो अपने जन्मदिन पर नया सवेरा देख रहे होते. मैं वो दिन नहीं भूलता जब उन्होंने मुझे पास बुलाकर अंकवार में भर लिया था. इसके बाद उन्होंने जोर से पीठ में धौल जमा दी थी. उनके प्रति अपने प्रेम को याद करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि वो स्नेह…वो अपनत्व…वो प्रेम…मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य रहा है. देश को मिली नई दिशा: प्रधानमंत्री मोदी ने राजनितिक अस्थिरता के दौर में अटल जी के नेतृत्व की सरहना की और बोला कि '21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए उनकी एनडीए सरकार ने जो कदम उठाए, उसने देश को एक नई दिशा, नई गति दी.' अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि 'भारत की फॉर्मर पीएम और भारत रत्न अटल जी को उनकी 100वीं जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा।' वर्ष 1998 के जिस काल में उन्होंने पीएम पद का कारभार संभाल लिया, उस दौर में पूरा देश राजनीतिक अस्थिरता से जुड़ा है. 9 वर्षों में देश ने चार बार लोकसभा के चुनाव देखे थे. लोगों को शंका थी कि ये सरकार भी उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाएगी. ऐसे समय में एक सामान्य परिवार से आने वाले अटल जी ने, देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया. भारत को नव विकास की गारंटी दी. टेलीकम्यूनिकेशन और IT के क्षेत्र में भारत को आगे किया: प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारें में बोला है कि 'वह ऐसे नेता थे, जिनका प्रभाव भी आज तक अटल है. वो भविष्य के भारत के परिकल्पना पुरुष थे. उनकी सरकार ने देश को IT, टेलीकम्यूनिकेशन और दूरसंचार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया. उनके शासन काल में ही, एनडीए ने टेक्नॉलजी को सामान्य लोगों की पहुंच तक लाने का काम शुरू कर दिया. भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों को बड़े शहरों से जोड़ने की कोशिश की.' कनेक्टिविटी को दिया बढ़ावा: प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारें में जानकारी दी कि वाजपेयी जी की गवर्नमेंट में शुरू हुई जिस स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने इंडिया के महानगरों को एक सूत्र में जोड़ दिया वो आज भी लोगों की स्मृतियों पर बना हुआ है. इतना ही नहीं लोकल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए भी NDA गठबंधन की गवर्नमेंट ने पीएम ग्राम सड़क योजना जैसे कार्यक्रम को शुरू कर दिया. खबरों का कहना है कि उनके शासन काल में दिल्ली मेट्रो भी शुरू कर दी गई थी, इसका विस्तार आज हमारी गवर्नमेंट एक वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में काम करने में लगी हुई है. ऐसे ही कोशिशों से उन्होंने ना सिर्फ आर्थिक प्रगति को नई शक्ति दी, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़कर इंडिया की एकता को भी सशक्त कर दिया है.