नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एच1बी वीसा में कटौती का मामला इन दिनों चर्चा में है. इस वीसा ने अमेरिका में कार्यरत कई भारतीयों के रोजगार पर तलवार लटका दी है. इसे लेकर चिंतित पीएम मोदी ने भारतीय आइटी पेशेवरों के हितों को प्रभावित करने वाले एच-1बी वीजा पर पाबंदी लगाने के अमेरिकी प्रस्ताव पर भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि द्विपक्षीय रिश्तों में यह मुद्दा फिलहाल सबसे अहम है. आपने कुशल पेशेवरों के लिए दूरदर्शी रुख अपनाने की सलाह दी है. उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका से आए 26 सांसदों के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मण्डल के स्वागत पश्चात् उनके सामने भारत के पक्ष को बेहद मजबूती से रखा.मोदी ने इन सांसदों से आग्रह किया कि एच-1बी वीजा के मामले में अमेरिका को दीर्घकालिक व संतुलित नीति बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय आई टी कंपनियां अमेरिकी समाज व अर्थव्यवस्था के विकास में अहम योगदान रही हैं. इसलिए कुशल पेशेवरों की आवाजाही पर अमेरिका को संतुलित और दूरदर्शी रुख अपनाना चाहिए . बता दें कि मोदी की मई, 2017 में प्रस्तावित अमेरिका की यात्रा के दौरान वहां दोनों देशों के बीच एच-1बी वीजा सबसे अहम मुद्दा होगा. मोदी और अमेरिका की आइटी कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के बीच मंगलवार को हुई बैठक में भी आइटी पेशेवरों को लेकर अमेरिकी सरकार के नए प्रस्ताव पर चर्चा हुई. भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी भारत यात्रा पर आये अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों से मुलाकात की और इस बारे में भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया. यह भी पढ़ें अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, गैर इस्लामिक नीति का विरोध फ्लोरिडा में मीडिया पर फिर भड़के ट्रम्प