पीएम मोदी ने इस समारोह का किया उद्घाटन

लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच कई राज्य वायरस पर काबू पाने का प्रयास कर रहे है. ताकि किसी भी तरह से पुन आम जनजीवन पटरी पर लाया जा सके. बता दे कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 25 साल पूरा होने पर रजत जयंती समारोह का सोमवार को उद्धाटन किया. कोरोना वायरस के कारण इस कायर्क्रम का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ. पीएम मोदी ने कहा,'25 साल का मतलब है यह विश्वविद्यालय अपने युवावस्था में है. यह उम्र और भी बड़ा सोचने और बेहतर करने की है. मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा. सामान्य समय में, उत्सव निश्चित रूप से बड़ा होता. यदि यह वैश्विक महामारी नहीं होती, तो मैं इस विशेष दिन को चिह्नित करने के लिए बेंगलुरु में आप सभी के साथ रहना पसंद करता.'

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अपने बयान में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत की इस लड़ाई के पीछे चिकित्सा समुदाय और हमारे कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है. वास्तव में डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी सैनिक ही हैं वो भी बिना किसी सैनिक की वर्दी के. ऐसे समय में, दुनिया आशा और कृतज्ञता के साथ हमारे डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों और वैज्ञानिक समुदाय को देख रही है. दुनिया आपसे 'देखभाल' और 'इलाज' दोनों चाहती है. वायरस एक अदृश्य दुश्मन हो सकता है. लेकिन हमारे योद्धा,स्वास्थ्यकर्मियों  अजेय हैं. अदृश्य बनाम अजेय की लड़ाई में, हमारे स्वास्थ्यकर्मियों की जीत सुनिश्चित हैं.

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इसके अलावा अपने बयान में आगे पीएम मोदी ने कहा कि, 'देश ने 22 और एम्य की स्थापना में तेजी से प्रगति देखी है. पिछले पांच वर्षों में हम एमबीबीएस में 30,000 से अधिक और स्नातकोत्तर में 15,000 सीटों को जोड़ने में सक्षम हुए हैं.पिछले छह वर्षों के दौरान, हमने भारत में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में सुधारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. हम मोटे तौर पर चार स्तंभों पर काम कर रहे हैं.' साथ ही, पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत- विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना भारत की है. 2 वर्षों से भी कम समय में, 1 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. महिलाओं और गांवों में रहने वाले इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में से हैं. हमारे जैसे राष्ट्र के पास उचित चिकित्सा ढांचा और चिकित्सा शिक्षा का बुनियादी ढांचा होना चाहिए. देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज या स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है.

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