नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को लॉन्च कर दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने कहा है कि इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया जा चुका है और प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास तकरीबन 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है। पीएम मोदी ने इस बीच संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी वार्तालाप की। उन्होंने बोला है कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा कर लिया है। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करने जैसे कई काम मौजूद है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद के काम में शामिल कार्यकर्ताओं के साथ भी वार्तालाप की है। अधिकारियों ने कहा है कि इस अशोक स्तंभ को बनाने में 9 माह का वक्त लगा है। इसे संसद भवन की नई इमारत की छत के बीचों-बीच लगा दिया गया है। उन्होंने बोला है कि इस स्तंभ के निर्माण में कुल 8 चरणों में काम को किया गया है। कॉन्सेप्ट स्केच, क्ले मॉडलिंग और कंप्यूटर ग्राफिक समेत कुल 8 राउंड में इसे तैयार किया गया है। बता दें कि अशोक स्तंभ को कुल 150 भागों में तैयार किया गया था। इन्हें छत पर ले जाने के उपरांत असेंबल किया गया और फिर लगाया गया। अप्रैल के अंत में इनकी असेंबलिंग का काम शुरू किया गया था। इसमें तकरीबन 2 माह का वक्त लगा है। खबरों की माने तो नए संसद भवन के निर्माण पर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च हो सकता है। इतना ही नहीं ये खर्च स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कार्यों पर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बढ़े हुए खर्च के लिए सीपीडब्ल्यूडी को लोकसभा सचिवालय की मंजूरी मिलने का भी अनुमान है। 2020 में नया संसद भवन बनाने का प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स को 971 रुपए करोड़ में हासिल हुआ है। सरकार ने भवन के लिए अक्टूबर 2022 की समय सीमा निर्धारित की थी और इस साल नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा था। 'दुनिया पर राज नहीं करना चाहता भारत..', पुतिन का जिक्र कर बोले राजनाथ '...तो नेताओं को रिटायरमेंट लेना पड़ेगा..', किसानों से ऐसा क्यों बोले सीएम योगी ? साथ देने वाले 15 विधायकों को उद्धव ठाकरे ने लिखा पत्र, जानिए क्या कहा?