नई दिल्लीः पीएम नरेंद्र मोदी ने कल यानि मंगलवार को दिल्ली में एक समय विश्व के ताकतवर राजनीतिक हस्तीयों में शुमार रहे नेताओं से मुलाकात की। इसमे अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर और कोंडोलीजा राइस, पूर्व रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स, पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड शामिल थे। इसके अलावा व्यापार जगत से रतन टाटा (टाटा ग्रुप), अलीबाबा, नेस्ले, अल्फा, इबरडोला जैसी वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। हेनरी किसिंजर ने सोमवार को भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंधों की जड़ें 1971 के बांग्लादेश संकट से जुड़ी हुई हैं। इसके बाद दोनों देशों ने कई मुद्दों पर विपरीत विचार होने के बावजूद सुरक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे मुख्य मुद्दों पर एक जैसा दृष्टिकोण बनाया। भारत-अमेरिकी रणनीतिक साझेदारी मंच पर किसिंजर ने कहा था कि बांग्लादेश संकट दोनों देशों को टकराव के रास्ते पर ले आया था। 1971 में इस संकट को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। बांग्लादेश (युद्ध से पहले पूर्वी पाकिस्तान) में मौजूद अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिसंबर 1971 में अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा बंगाल की खाड़ी में भेजा गया था, जिससे भारत को खतरा महसूस हुआ। बता दें कि 1971 में भारत - पाकिस्तान युद्ध के तत्कालिन अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा था। ब्रेक्जिट: ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को झटका, सांसदों ने समीक्षा के लिए कम समय को नकारा डी के शिवकुमार से मिलने तिहाड़ जेल पहुंची कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद के पद से त्यागपत्र देने वाले कांग्रेस नेता बीजेपी में हुए शामिल