कोरोना प्रसार को रोकने के लिए आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है. केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने शनिवार को बताया कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद की वैज्ञानिक मान्यता के लिए एक टास्क फोर्स की स्थापना की है. कोरोना से बचने के लिए मैक्सिको ने अपनाई नहीं चाल, अब सड़कों को भी किया जाम मीडिया से बात करते हुए नाइक ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के उपचार में उपयोग के लिए आईसीएमआर जैसे अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा की वैज्ञानिक मान्यता के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है.'साथ ही, उन्होंने कहा कि हमें 2000 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से कुछ को उनकी वैज्ञानिक वैधता का आकलन करने के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईएमसीआर) और अन्य शोध संस्थानों में भेजा जाएगा. ईरान में बढ़ी मरने वालों की संख्या, 15 साल के मासूम ने हारी जिंदगी की जंग अपने बयान में इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा था कि वैज्ञानिक प्रामाणिकता नहीं मिलने के कारण भारत की इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का मौजूदा संकट के दौरान केवल ऐहतियाती उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस की वजह से पिछले 24 घंटों में 34 लोगों की मौत हो गई है. इस दौरान, 909 नए पॉजिटिव मामलों का पता चला है. देश में अब कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 8,356 हो गए हैं, जबकि एक्टिव केस 7,367 हैं. अबतक देश में कोविड-19 महामारी से 273 लोगों की मौत हुई है. वहीं, 716 लोग ठीक हो चुके हैं. ट्रम्प के अनुरोध पर भारत ने भेजी हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन दवाईयां एक तरफ बढ़ती जा रही कोरोना की मार दूसरी ओर चीन के हाल हुए बेहाल कोरोना की चपेट में आए पाकिस्तानी ईसाई, पिछले 24 घंटों में कई मौतें