नई दिल्ली: जापान के पीएम शिंजो आबे कल बुधवार को दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं. वे दोनों दिन गुजरात में ही गुजारेंगे. इस दौरान पीएम मोदी के साथ वे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का शुभारम्भ करेंगे. आबे का यह दौरा पीएम मोदी की ऐसी स्पर्श कूटनीति है जो डोकलाम विवाद के समाधान के बाद हो रहा है. बुलेट ट्रैन के साथ इस द्विपक्षीय बातचीत के कई मायने निकल रहे हैं. स्मरण रहे कि इसके पूर्व गत वर्ष मोदी ने आबे की अगवानी बनारस में की थी. मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी 13 सितंबर को अहमदाबाद में आबे की अगवानी करेंगे. इस बारे में विदेश मामलों के विशेषज्ञ रहीस सिंह ने बताया कि शिंजो आबे का स्वागत दिल्ली की बजाय अहमदाबाद में होगा, गुजरात मोदी का घर है. ऐसा करके पीएम मोदी उन्हें भारत-जापान के रिश्तों में नजदीकी का अहसास करवाना चाहते हैं. उन्होंने इसे स्पर्श कूटनीति बताया. तय कार्यक्रम के अनुसार इसी दिन शाम को मोदी आबे को साबरमती आश्रम ले जाएंगे. उनके सम्मान में रात्रि भोज भी होगा. वहीं 14 सितंबर की सुबह साबरमती रेलवे स्टेडियम में मोदी और आबे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए भूमिपूजन करेंगे. यह प्रोजेक्ट 1.10 लाख करोड़ रुपए का है. आजादी के 75 साल पूरे होने पर 15 अगस्त 2022 को बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है. उल्लेखनीय है कि यह यात्रा दो तरह से महत्वपूर्ण हैं. पहला तो यह कि भारत को टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन के लिए जापान की मदद की दरकार है और दूसरा यह कि चीन से टकराव को देखते हुए यह शक्ति संतुलन की कोशिश भी है जो चीन को सन्देश देगी कि हम उससे कमजोर नहीं हैं. वैसे भी जापान से भारत के रिश्ते 1952 से मजबूत रहे हैं. पिछले 10 सालों में भारत में जापान से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) छह गुना बढ़ा है. इस दौरे में जापानी पीएम आबे के साथ कई एमओयू होने की संभावना है. यह भी देखें साबरमती के तट पर PM मोदी करेंगे जापान के प्रधानमंत्री की मेजबानी चीन के विरूद्ध भारत को मिला जापान का साथ