नई दिल्ली: जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। देबरॉय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते थे और उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। पद्मश्री से सम्मानित बिबेक देबरॉय ने पुणे के गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान के कुलाधिपति के रूप में भी सेवा दी। इसके अलावा, वे 5 जून 2019 तक नीति आयोग के सदस्य भी रह चुके थे। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की और लेखों का संपादन किया, जिससे आर्थिक और बौद्धिक चर्चा को आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर देबरॉय के निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने लिखा कि वे बिबेक देबरॉय को कई वर्षों से जानते थे और उनकी अकादमिक सोच और चर्चाओं के प्रति उनकी लगन को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि देबरॉय का योगदान भारत के बौद्धिक क्षेत्र में अमिट है। मोदी ने उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने देबरॉय को एक महान विद्वान बताया, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, और अध्यात्म जैसे अनेक क्षेत्रों में पारंगत थे। वे प्राचीन ग्रंथों पर भी काम करना पसंद करते थे और इन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने का प्रयास करते थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी देबरॉय के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि देबरॉय एक सैद्धांतिक और अनुभवी अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं पर काम किया। उनकी लेखनी ने जटिल आर्थिक मुद्दों को भी साधारण तरीके से समझाने में मदद की। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि देबरॉय ने जिन भी संस्थाओं के साथ काम किया, वहां अपनी खास छाप छोड़ी। अपने ही बेटे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख? दिवाली पर रामलला की शरण में पहुंचे सीएम योगी, दलित बस्ती में बांटे मिठाई-कपड़े जम्मू-कश्मीर में 575 लेक्चरर पदों की भर्ती के लिए उमर अब्दुल्ला सरकार ने दी मंजूरी