नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार (26 जुलाई) को राज्यसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर "मणिपुर में आग लगाने" का आरोप लगाया, जिसके बाद गांधी ने पलटवार करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लिए क्या किया है और कहा कि यह उनकी विचारधारा थी जिसने राज्य को जलाया। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, "पीएम मणिपुर के बारे में कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी जी का मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी जी का मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है। वे जानते हैं कि उनकी विचारधारा ने मणिपुर को जला दिया है।" राहुल बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान ईरानी के आरोपों का जवाब दे रहे थे। राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान ईरानी ने विपक्षी दलों पर गैर-भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में आवाज नहीं उठाने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी पर मणिपुर में आग लगाने का आरोप लगाया। ईरानी ने कहा, "आपमें यह बताने की हिम्मत कब होगी कि कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं के साथ कैसे बलात्कार होता है? आपमें यह बताने की हिम्मत कब होगी कि राहुल गांधी ने मणिपुर में आग कैसे लगाई? इस कैबिनेट में महिला मंत्रियों पर आक्षेप न लगाएं।" बता दें कि, 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद में विपक्ष और केंद्र के बीच कई तीखी नोकझोंक देखी गई है। विपक्ष जहां प्रधानमंत्री से संसद में मणिपुर पर बयान देने की मांग कर रहा है, वहीं भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने विपक्ष पर विषय पर चर्चा के लिए अनुकूल माहौल नहीं बनाने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि, गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर पर संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं, मणिपुर में हिंसा का इतिहास रहा है, कभी पीएम ने मुद्दों पर सदन में बयान नहीं दिया। आज भी गृह मंत्री पूरे मामले को देख रहे हैं, प्रधानमंत्री अपडेट ले रहे हैं, तो गृह मंत्री विपक्ष के सवालों का जवाब दे सकते हैं, लेकिन विपक्ष पीएम के बयान की जिद पर अड़कर सदन का समय बर्बाद कर रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में कई स्थगन नोटिस दिए हैं। मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर अपना हमला और तेज कर दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मई के बाद पहली बार स्थिति के बारे में बोलना पड़ा। इस साल मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी, जिसमें 160 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर, 31 जुलाई से 10 अगस्त तक NDA सदस्यों की बैठक लेंगे पीएम मोदी मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, रात में हुई फायरिंग से दहशत में लोग, घरों में लगा दी गई आग कंजेक्टीवाइटिस और आई फ्लू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए NHM ने जारी की एडवाइजरी, इन बातों का रखें ध्यान