नई दिल्ली: पीएम मोदी ने शनिवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की 93वीं साला आम बैठक (AGM) और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया. अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कृषि आंदोलन के बीच पुनः संकेत दे दिए हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के मूड में नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना वैक्सीन, कृषि सुधार, ग्रामीण भारत और उद्योगपतियों से निवेश को लेकर चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2020 में हमने बहुत कुछ बदलते हुए देखा है, किसी टी20 मैच की तरह. भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाईं, फैसले लिए, उससे स्थितियां नियंत्रित हुईं हैं. इसे देख पूरी दुनिया हैरान है. उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना महामारी के वक़्त भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाया. आज इसका परिणाम देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है. उन्होंने आगे कहा कि, इतने उतार-चढ़ाव से देश और दुनिया गुजरी है कि कुछ सालों के बाद जब हम कोरोना काल को याद करेंगे तो शायद विश्वास ही नहीं होगा. किन्तु अच्छी बात ये रही कि जितनी तेजी से स्थिति बिगड़ी, उतनी ही तेजी के साथ सुधार भी हो रहा है. किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि कानून से निवेश के नए अवसर पैदा होंगे. हम कृषि से संबंधित चीजों की दीवारें हटा रहे हैं. किसानों की समृद्धि से ही देश समृद्ध होगा. 24 घंटे से भी कम समय में दिया जाएगा फाइजर COVID वैक्सीन: डोनाल्ड ट्रम्प किसानों के हित में है कृषि कानून: नितिन गडकरी अमेरिकी सीनेट ने दिया एक हफ्ते का स्टॉपगैप फंडिंग बिल