नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में कहा, गणतंत्र दिवस पर साहसी परेड नजर आई। कई लोगों ने मुझसे अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, इस माह त्योहारों की रौनक रही। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का ये 97वां एपिसोड है। ये इस साल का पहला 'मन की बात' कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, 'गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में अनेक पहलुओं की बहुत सराहना हो रही है। जैसलमेर से पुल्कित ने मुझे लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के चलते कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले मजदूरों को देखकर बहुत अच्छा लगा।' उन्होंने कहा कि मिलेट्स सेहत के लिए आवश्यक है। जैसे योग हमारे जीवन का हिस्सा है वैसे ही मिलेट्स भी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मिलेट्स खाने का हिस्सा बन रहा है। दुनिया मिलेट्स की अहमियत समझ रही है। मिलेट्स की मांग से देश की ताकत बढ़ेगी। ओडिया मिलेट्स मिशन से जुड़ा है। मिलेट्स को बाजार तक पहुंचाने की कोशिशका प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ओडिशा की मिलेट्स के क्षेत्र में काम करने वाले लोग आगे आ रहे हैं। आजकल खूब ख़बरों में हैं। आदिवासी जिले सुंदरगढ़ की लगभग डेढ़ हाजर महिलाओं का सेल्फ हेल्प ग्रुप, ओडिशा मिलेट्स मिशन से जुड़ा है। यहां महिलाएं मिलेट्स से कुकीज, रसगुल्ला, गुलाब जामुन और केक तक बना रही हैं। इससे महिलाओं की कमाई भी बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में एक छोटा मगर चर्चित गांव है- उतिरमेरुर। यहां 1100 वर्ष पहले का एक शिलालेख दुनिया भर को अचंभित करता है। यह शिलालेख एक छोटे संविधान की भांति है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि ग्राम सभा का संचालन कैसे होना चाहिए तथा उसके सदस्यों के चयन की प्रक्रिया क्या हो। प्रधानमंत्री मोदी ने पद्म पुरस्कार जीतने वाले रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, जनजातिय भाषाओं पर काम करने वाले लोगों के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि गोवा में दिव्यांग लोगों के लिए पर्पल फेस्ट का आयोजन किया गया है। ई-वेस्ट के बारे में जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ई-वेस्ट को ठीक से डिस्पोज नहीं किया गया तो यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मगर यदि सावधानीपूर्वक ऐसा किया जाता है तो यह रिसाइकिल एवं रीयूज की सर्कुलर इकॉनोमी की बहुत बड़ी ताकत बन सकता है। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी, पूर्वी लद्दाख में LAC के पास सड़क निर्माण कर रहा BRO मुगल गार्डन का नाम बदलने से लोगों की समस्याएं दूर होंगी? केंद्र पर हमलावर हुईं मायावती 'दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमेट थे कृष्ण-हनुमान', विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आखिर क्यों बोला ऐसा?