नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' के माध्यम से देश को संबोधित किया। ये 81वां एपिसोड था। आज 'वर्ल्ड रिवर डे' भी है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रोग्राम में नदियों की अहमियत के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'नदी हमारे लिए भौतिक वस्तु नहीं, बल्कि जीवंत इकाई है। तभी तो हम नदियों को मां बोलते हैं। हमारे कितने ही पर्व हों, त्योहार हों, उत्सव हो, उमंग हो, ये सारे हमारी इन माताओं की गोद में ही तो होते हैं।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारे हिंदुस्तान के पश्चिमी भाग में पानी की बेहद कमी है। इसलिए वहां अब एक नई प्रथा विकसित हुई है। जैसे गुजरात में वर्षा का आरम्भ होता है तो वहां जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं। आज के युग में हम इसे कैच द रेन बोलते हैं। ये वही बात है कि जल की एक-एक बूंद को अपने में समेटना।' उन्होंने बताया, 'उसी तरह से वर्षा के पश्चात् बिहार तथा पूरब के भागों में छठ का महापर्व मनाया जाता है। मुझे आशा है कि छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे, घाटों की सफाई तथा मरम्मत की तैयारी आरम्भ कर दी गई होगी।' साथ ही उन्होंने कहा, 'जब हम हमारे देश में नदियों की महत्वत्ता पर बात कर रहे हैं, तो स्वाभाविक तौर पर हर कोई एक सवाल उठाएगा तथा सवाल उठाने का अधिकार भी है तथा इसका उत्तर देना ये हमारी जिम्मेवारी भी है। कोई भी प्रश्न पूछेगा कि आप नदी के इतने गीत गा रहे हो, नदी को मां बोल रहे हो तो ये नदी प्रदूषित क्यों हो जाती है? हमारे शास्त्रों में तो नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी अनुचित बताया गया है।' नरसिम्हा राव की आलोचना कर विवादों में घिर गए थे पूर्व PM मनमोहन सिंह जयपुर में कांग्रेस विधायकों-मंत्रियों की बैठक लेंगे दिग्गी राजा, कहीं 'सीएम गहलोत' की कुर्सी पर संकट तो नहीं ? 5 ट्रिलियन की इकॉनमी को हासिल करने में एड़ी चोटी का जोर लगा देगा कॉपरेटिव सेक्टर - अमित शाह