नई दिल्ली: पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र के मुद्दों और जरुरी सुधारों के सम्बन्ध में विचार विमर्श करने के लिए आज एक मीटिंग की। कृषि विपणन, विपणन योग्‍य अधिशेष के प्रबंधन, संस्‍थागत ऋण तक किसानों की पहुंच में सुधार लाने और कानून के उचित समर्थन समेत कृषि क्षेत्र को विभिन्‍न प्रतिबंधों से मुक्‍त किए जाने पर विशेष जोर दिया गया। कृषि विकास में तेजी लाने के संदर्भ में वर्तमान विपणन व्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण हस्‍तक्षेप करने और उचित सुधार लाने पर विशेष तौर पर ध्‍यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को शक्ति प्रदान करने के लिए रियायती ऋण प्रवाह, पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए विशेष किसान क्रेडिट कार्ड सेचुरेशन ड्राइव और किसानों को उचित आमदनी सुनिश्चित कराने के लिए कृषि उपज के अंतर-राज्‍य और अंत:- राज्‍य व्‍यापार को सुगम बनाने जैसे काफी साए अहम मामलों पर चर्चा की गई। बैठक में ई-कॉमर्स को सक्षम बनाने के लिए ई-नाम को प्‍लेटफॉर्म्‍स के प्‍लेटफॉर्म के तौर पर विकसित करने जैसे महत्‍वपूर्ण विषय पर भी चर्चा हुई। देश में एकसमान वैधानिक ढांचे की संभावनाओं पर भी बात की गई, ताकि खेती के लिए नए तौर-तरीके सुगम बनाए जा सकें, जो कृषि अर्थव्यवस्था में पूंजी तथा प्रौद्योगिकी का समावेशन कर सकें। फसलों में जैव-प्रौद्योगिकीय विकास के पक्ष और विपक्ष अथवा उत्पादकता में वृद्धि और इनपुट लागत में कमी पर भी मंथन किया गया। इस दौरान आदर्श भूमि पट्टेदारी अधिनियम की चुनौतियों और छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा किस तरह की जाए, इस के बारे में विस्तार से बात की गई। सीनियर सिटीजन के रिटायरमेंट का सहारा बन सकती है यह स्कीम क्या तय लक्ष्य से पहले कर्ज मुक्त हो पाएगी रिलायंस ? भारत की विकास दर हो सकती है शून्य